बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ब्लॉक सौदों के जरिये गुरुवार को कॉफोर्ज (जिसे पहले एनआईआईटी टेक्नोलॉजिज के नाम से जाना जाता था) में 7,400 करोड़ रुपये मूल्य की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी है। इस बिक्री के साथ ही बैरिंग प्राइवेट इक्विटी कंपनी से बाहर हो जाएगी।
सौदे की शर्तों के अनुसार प्रति शेयर का न्यूनतम मूल्य 4,550 रुपये तय किया गया है, जो आज के प्रति शेयर 4,902 रुपये के बंद भाव से 7.4 प्रतिशत कम है। बुधवार तक कंपनी का बाजार मूल्यांकन 30,000 करोड़ रुपये रहा है।
कॉफोर्ज डोमेन विशेषज्ञता वाली वैश्विक डिजिटल सेवा और कारोबारी समाधान प्रदाता है, जिसके पास चुनिंदा उद्योग क्षेत्रों में विशेषज्ञता है।
अप्रैल 2019 में बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ने विभिन्न प्रवर्तक कंपनियों से प्रति शेयर 1,394 रुपये की कीमत पर कॉफोर्ज में 30 प्रतिशत शेयरधारिता हासिल की थी। प्रवर्तक कंपनियों से शेयरों की खरीद के लिए कुल भुगतान 2,627 करोड़ रुपये का रहा। पीई फर्म ने बाद में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने के लिए खुली पेशकश की थी।
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इस साल फरवरी में बैरिंग पीई ने प्रति शेयर 4,050 रुपये की दर पर 2,430 करोड़ रुपये के 60 लाख शेयरों की बिक्री की थी। ये शेयर कॉफोर्ज के कुल शेयरों का 9.8 प्रतिशत थे। कुछ प्रमुख खरीदारों में नोमुरा इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड मदर फंड, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्युचुअल फंड शामिल हैं।
बैरिंग ने हाल ही में भारत में दो बड़े अधिग्रहण किए हैं – क्रिसकैपिटल के साथ 9,065 करोड़ रुपये में एचडीएफसी क्रेडिला और 6,000 करोड़ रुपये में इंदिरा आईवीएफ में बहुलांश (60 प्रतिशत) हिस्सेदारी। कंपनी आने वाले महीनों में भारत में तीन अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है।
कंपनी की योजना उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही बड़े स्तर पर क्षमता प्रदान करने की है। मार्च 2023 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में कंपनी ने 4,230 करोड़ रुपये का राजस्व और 732 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। समेकित आधार पर कंपनी ने एक अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया है।