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बड़े अंबानी छोटा करेंगे सरकार का तेल आयात बिल

Last Updated- December 07, 2022 | 5:05 AM IST

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने कच्चे तेल यानी ईंधन के आयात पर खर्च होने वाली सरकारी रकम बचाने का फैसला किया है।


कंपनी इसी साल कृष्णा गोदावरी बेसिन से प्राकृतिक गैस का उत्पादन और वितरण शुरू कर देगी। आरआईएल के चेयरमैन अंबानी ने कंपनी की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को आज बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले यह गैस बेहद सस्ती होगी।

कंपनी ने तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के महज पांचवें हिस्से पर यह गैस बेचने का फैसला किया है। फिलहाल कच्चा तेल 135 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कीमत पर बिक रहा है। लेकिन आरआईएल अपनी गैस बमुश्किल 25.20 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से बेचेगी। भारत फिलहाल सालाना लगभग 1080 अरब रुपये का तेल आयात करता है। आरआईएल की पहल के बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है।

कंपनी देश के सबसे बड़े गैस क्षेत्र कृष्णा गोदावरी को विकसित करने में लगभग 20,800 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। माना जा रहा है कि इसके बाद देश में गैस का कुल उत्पादन दोगुना हो जाएगा। कंपनी की जामनगर तेल रिफाइनरी भी इसी साल की दूसरी छमाही में उत्पादन शुरू कर देगी।

अंबानी ने बताया कि इसके बाद कंपनी रोजाना 12.40 लाख बैरल कच्चे तेल का प्रसंस्करण करने में सक्षम हो जाएगी, जो दुनिया भर की कुल तेल प्रसंस्करण इकाई का 2 फीसदी होगा। जामनगर में आरआईएल की एक रिफाइनरी मौजूद है, जिसकी क्षमता 6.60 लाख बैरल रोजाना है। नई रिफाइनरी की क्षमता 5.8 बैरल रोजाना होगी।

रिग और उत्खनन उपकरणों के आसमान छूते किराये की वजह और गैस की कीमत पर सरकार के नियंत्रण की वजह से रिलायंस के मुनाफे में कमी आ सकती है। कंपनी के बंगाल की खाड़ी स्थित क्षेत्र से रोजाना 8 करोड़ घन मीटर गैस निकलेगी। सरकार ने रिलायंस को कृष्णा गोदावरी क्षेत्र से निकली प्राकृतिक गैस का दाम 170 रुपये प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट रखने के लिए कहा है।

First Published - June 12, 2008 | 11:47 PM IST

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