मौसम के प्रतिकूल हालात ने चाय के थोक दामों को बढ़ा दिया है, जिससे चाय की प्रमुख कंपनियों…टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर को धीरे-धीरे दाम बढ़ाने पड़े हैं। संकेत हैं कि दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के परिणाम की बैठक के दौरान टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी सुनील डिसूजा ने विश्लेषकों को बताया कि मौसम के अनियमित स्वरूप ने चाय और नमक के उत्पादन को प्रभावित किया है, जिससे इनपुट लागत में वृद्धि हुई है। हम इसे उपभोक्ता कीमतों में डालना शुरू कर देंगे।’ उन्होंने कहा कि चाय में कीमतों में पहले ही क्रमबद्ध वृद्धि हो चुकी है।
एचयूएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी रितेश तिवारी ने परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘अब हमारे पास इस बात का निश्चित संकेत है कि यह सीजन महंगाई वाला सीजन है। इसी तिमाही या एक तिमाही पहले हमें पक्का पता नहीं था, क्योंकि शुरुआती आंकड़े आ रहे थे। लेकिन अब जब हम चाय के सीजन में ठीक से प्रवेश कर चुके हैं, तो हम जानते हैं कि कम उत्पादन के कारण यह महंगाई वाला सीजन है।’
उन्होंने कहा कि चाय की महंगाई का स्तर 25 प्रतिशत था, जो हो चुका है। उन्होंने कहा कि कंपनी आगे चलकर मूल्य वृद्धि करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम दिसंबर तिमाही में मूल्य वृद्धि शुरू कर चुके हैं और आप देखेंगे कि इसका समापन कैसे होता है।
जून से सितंबर तक चाय की भारी फसल होती है। लेकिन उद्योग शुरुआत में हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर पाया है। अनियमित बारिश के बाद सूखे की वजह से पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सितंबर 2024 तक 7.673 करोड़ किलोग्राम का उत्पादन घटा है। इसका असर चाय की थोक कीमतों पर पड़ा है।
चाय बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2024-25 में सितंबर तक उत्तर भारत की चाय नीलामी की औसत कीमत 247.33 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले साल की इसी अवधि से 23.98 प्रतिशत अधिक है। इसी अवधि के दौरान दक्षिण भारत की चाय की औसत कीमत 126.22 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 16.19 प्रतिशत अधिक रही। देश भर की औसत कीमत 215.34 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 22.01 प्रतिशत अधिक रही।