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हाइब्रिड पर नहीं पेट्रोल व ई-कार पर बरकरार हमारा ध्यान : Audi India

जहां पेट्रोल और हाइब्रिड कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है वहीं इलेक्ट्रिक कारों पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी देना होता है।

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दीपक पटेल   
Last Updated- August 22, 2024 | 9:36 PM IST

कार विनिर्माता ऑडी का भारत में पेट्रोल और इलेक्ट्रिक कारों पर ही ध्यान रहेगा। कंपनी की देश में प्लग इन हाइब्रिड वाहन पेश करने की कोई योजना नहीं है। कंपनी के इंडिया प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने गुरुवार को यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च आधार और आपूर्ति श्रृंखला के मसलों के कारण इस साल भारत में लक्जरी कारों की बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 8 से 10 फीसदी बढ़ेगी। पिछले साल यानी 2023 में इसमें 28 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी और लक्जरी कार विनिर्माताओं ने अपनी 48,500 गाड़ियां बेची थीं।

फिलहाल भारत में करीब 6 फीसदी इलेक्ट्रिक लक्जरी कारों की बिक्री होती है। ढिल्लों ने कहा कि जो ग्राहक पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों से इलेक्ट्रिक कारों की ओर जा रहे हैं, उनको जीएसटी की कम दर का फायदा मिल रहा है। 1.17 करोड़ रुपये (एक्स शोरूम) से शुरू होने वाला नया मॉडल क्यू8 पेश करने के दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जब तक लक्जरी कार खंड में हमारी उपस्थिति 50 फीसदी नहीं हो जाती है तब तक हमें कम जीएसटी के रुप में सरकार से मदद की दरकार रहेगी।’

जहां पेट्रोल और हाइब्रिड कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है वहीं इलेक्ट्रिक कारों पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी देना होता है। पिछले महीने ऑडी की प्रतिद्वंद्वी बीएमडब्ल्यू समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर प्रोत्साहन के लिए बात की थी।

बीएमडब्ल्यू समूह के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्यां फिलिप परां ने संवाददाताओं से कहा था कि मजबूत हाइब्रिड अथवा प्लग इन हाइब्रिड कारें कार्बन उत्सर्जन कम करने के भारत के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती हैं मगर देश को कम करों और प्रोत्साहनों के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देना चाहिए।

ढिल्लों ने गुरुवार को इस मामले में कंपनी की रणनीति को समझाया। उन्होंने कहा, ‘हमने साल 2020 में भारत में डीजल कारों की बिक्री बंद कर दी थी। तब से हमने अपना पूरा ध्यान इलेक्ट्रिक कारों और पेट्रोल कारों पर केंद्रित किया। चूंकि, लक्जरी कार खंड में संख्या सीमित है, इसलिए यह महत्त्वपूर्ण है कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए क्योंकि जो भी कार हम पेश करेंगे उसकी हम 10 से 15 वर्षों तक सर्विस करनी पड़ेगी। इसके लिए हमें ऐसे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पड़ेगी जहां सही समय पर कलपुर्जे मिल सकें और सभी डीलरों को प्रशिक्षित कर्मचारी मुहैया करा सकें। हरेक चीज पर खर्च होता है और हमें इसे बरकरार रखने की जरूरत है।’

First Published : August 22, 2024 | 9:36 PM IST