आर्सेलर मित्तल तकरीबन 96,000 करोड़ रुपये की इस्पात परियोजनाओं में हो रही देरी से घबराई नहीं है। कंपनी ने कहा है कि वह किसी भी हालत में भारतीय परियोजनाएं नहीं छोड़ेगी।
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी आदित्य मित्तल ने कहा, ‘हम इस्पात परिवार हैं। हमें इस्पात से ज्यादा और कुछ पसंद नहीं है। जब जोर जबर्दस्ती के बावजूद हमने आर्सेलर को नहीं छोड़ा, तो भारत कैसे छोड़ सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि आर्सेलर सौदे के दौरान कुछ यूरोपीय देशों के प्रधानमंत्रियों और वित्त मंत्रियों की ओर से उन्हें बेहद ठंडी प्रतिक्रिया मिली थीं। इतना ही नहीं यूरोप में गनशिप ने उनके हेलीकॉप्टर को नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया था। फिर भी उन्होंने आर्सेलर को खरीदकर ही दम लिया।
दुनिया के चौथे सबसे धनी व्यक्ति लक्ष्मी निवास मित्तल के बेटे आदित्य ने कहा कि भारत पर उनका समूह खास ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां दो परियोजनाओं का काम इस साल के अंत तक आगे बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह भी है कि उनकी कंपनी इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि परियोजना क्षेत्र में रहने वाले लोगों को राहत देना और उनका पुनर्वास करना चुनौती है। लेकिन कंपनी उन लोगों के साथ मिलकर इसके लिए मुनासिब तैयारी करेगी।
