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Apple iPhone बनाने वाली Foxconn चीनी टैक्स अधिकारियों की जांच के घेरे में, भारत से नजदीकी नहीं आ रही रास!

Foxconn अपनी ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग चीन में करती है। हाल में चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है और इसी बीच कंपनी भारत में बड़े इन्वेस्टमेंट का प्लान भी बना रही है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 22, 2023 | 5:06 PM IST

चीन का ताइवान और अमेरिका से बिगड़ते रिश्तों के बीच दुनियाभर की ज्यादातर कंपनियां भारत की तरफ रुख कर रही हैं। इसमें ऐपल के आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकान का नाम भी शामिल है। ताइवान की इस कंपनी के भारत में एंट्री करने के बाद iPhone मैन्युफैक्चरिंग ने रफ्तार पकड़ ली है और ऐपल Samsung को पछाड़कर भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक कंपनी बन गई है। मगर यह सब चीन को रास नहीं आता दिख रहा है। चीन की एक स्टेट मीडिया रिपोर्ट ने रविवार को बताया कि देश की टैक्स अथॉरिटी ने आज Foxconn की जांच कर रही है।

टैक्स अथॉरिटीज ने की चार फैक्टरियों की तलाश

चीनी सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन, जो आधिकारिक तौर पर हॉन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड (Hon Hai Precision Industry Co., Ltd) के रूप में रजिस्टर्ड है। कंपनी चीन में भारी मात्रा में ऐपल के प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। चीन के गुआंग्डोंग (Guangdong) और जियांग्सू (Jiangsu) प्रांतों में टैक्स अधिकारियों द्वारा कंपनी के कार्यालयों की तलाशी ली गई।

प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने हेनान (Henan) और हुबेई (Hubei ) प्रांतों में फॉक्सकॉन कार्यालयों का भी निरीक्षण किया, जहां कंपनी के प्रमुख फैक्टरीज हैं। गौरतलब है कि फॉक्सकॉन ने पूरे चीन में लाखों कर्मचारियों को रोजगार दिया है, और जिस तरह से कंपनी अपनी फैक्टरीज को चीन के बाहर ऑपरेट करने का ऑप्शन तलाश रही है, यह देखना होगा कि चीन इन कंपनियों को लेकर क्या कार्यवाही करता है।

फॉक्सकॉन करती है चीन में सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग

बता दें कि फॉक्सकॉन अपनी ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग चीन में करती है। कंपनी के फाउंडर टेरी गौ (Terry Gou) ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के रूप में भाग लेंगे, जो अगले साल की शुरुआत में होगा। इसके बाद उन्होंने फॉक्सकॉन के बोर्ड में अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। टेरी को एक चीन-हितैषी उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है, जिनकी राजनीति ज्यादातर द्वीप की वर्तमान विपक्षी पार्टी कुओमिंगटांग (Kuomingtang) के साथ जुड़ी हुई है।

हाल के वर्षों में चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है। चीन ताइवान के लोकतांत्रिक स्वशासित द्वीप को अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है। 1949 में गृहयुद्ध के बाद दोनों पक्ष अलग हो गए और उनके बीच कोई आधिकारिक संबंध नहीं है लेकिन वे अरबों डॉलर के व्यापार और निवेश से जुड़े हुए हैं।

भारत में इन्वेस्टमेंट दोगुना करने का प्लान

iPhone बनाने वाली यह कंपनी भारत में इन्वेस्टमेंट का बड़ा प्लान बना रही है। ब्लूमबर्ग की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सकॉन भारत में अपने निवेश को दोगुना करने और रोजगार भी बढ़ाकर दोगुना करने का प्लान बना रही है और इसकी वजह चीन और अमेरिका के बढ़ती तनातनी हो सकती है।

First Published : October 22, 2023 | 5:06 PM IST