दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात विनिर्माता आर्सेलर मित्तल ने आज घोषणा की कि आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) की मूल कंपनी एएमएनएस लक्जमबर्ग होल्डिंग एसए (AMNS Luxembourg Holding SA) ने जापानी बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ 5 अरब डॉलर का ऋण समझौता किया है। कंपनी ने कहा है कि इस रकम का उपयोग भारत में कंपनी की विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।
इस समझौते में जापान बैंक फॉर इंटरनैशनल कोऑपरेशन (JBIC), एमयूएफजी बैंक, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन, सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट बैंक, मिजुहो बैंक और मिजुहो बैंक यूरोप एनवी शामिल हैं। एएम/एनएस इंडिया में आर्सेलरमित्तल की 60 फीसदी और निप्पॉन स्टील कॉरपोरेशन 40 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने व्यापक पूंजीगत निवेश की योजना बनाई है।
आर्सेलरमित्तल के एक बयान में कहा गया है कि जेबीआईसी एवं अन्य बैंकों से ऋण के जरिये जुटाई जाने वाली रकम का उपयोग गुजरात के हजीरा प्लांट के विस्तार में किया जाएगा। इस प्लांट की क्षमता को मौजूदा 90 लाख टन से बढ़ाकर 1.5 करोड़ टन करने की योजना है।
प्राथमिक इस्पात की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के अलावा इस परियोजना में डाउनस्ट्रीम रोलिंग एवं फिनिशिंग इकाइयों का विकास भी शामिल है। इससे रक्षा, वाहन एवं बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों के लिए मूल्यवर्धित इस्पात के उत्पादन के लिए एएम/एनएस इंडिया की क्षमता बढ़ेगी।
फरवरी में वित्त वर्ष 2022 के नतीजों की घोषणा के समय आर्सेलरमित्तल द्वारा निवेशकों को दी गई प्रस्तुति के अनुसार, एएम/एनएस इंडिया के लिए कुल करीब 7.4 अरब डॉलर की निवेश योजना को मंजूरी दी गई थी। इसमें 0.8 अरब डॉलर मौजूदा समस्याओं से निपटने के लिए, 1 अरब डॉलर डाउनस्ट्रीम के लिए और 5.6 अरब डॉलर हजीरा के अपस्ट्रीम प्लांटमें विस्तार के लिए शामिल हैं।
आर्सेलरमित्तल ने आज एक बयान में कहा कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद पिछले अक्टूबर में शुरू हुई इस विस्तार परियोजना से 60,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
निप्पॉन स्टील ने एक बयान में कहा कि भारत में आर्थिक विकास और जनसंख्या बढ़ने के साथ ही इस्पात बाजार में भी लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि अपस्ट्रीम सहित घरेलू उत्पादन सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तहत बढ़ रहा है।
निप्पॉन ने कहा, ‘एएम/एनएस इंडिया भारत में कच्चे इस्पात का उत्पादन करने वाली पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी थी। अपनी क्षमता विस्तार के लिए की गई पहल के जरिये निप्पॉन स्टील का उद्देश्य भारतीय बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करना और अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करना है।’
आर्सेलरमित्तल ने दिवालिया कानून के तहत 42,000 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत दिसंबर 2019 में निप्पॉन स्टील के साथ संयुक्त रूप से एस्सार स्टील का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद उसका नाम बदलकर एएम/एनएस इंडिया रखा गया था। इस कदम से वैश्विक इस्पात विनिर्माताओं को भारतीय बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने का अवसर मिला।
एएम/एनएस इंडिया का विस्तार ऐसे समय में हो रहा जब इस्पात कंपनियों ने कुल 3.5 से 4 करोड़ टन क्षमता बढ़ाने की योजना तैयार की है। एएम/एनएस इंडिया अपनी पुरानी और नई परियोजनाओं को एकीकृत करने की योजना बनाई है।