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एनसीएलएटी पहुंच गई एमेजॉन

Last Updated- December 11, 2022 | 10:17 PM IST

एमेजॉन ने अमेरिका की इस ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी के फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के साथ वर्ष 2019 के सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा स्थगित करने के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) में कानूनी चुनौती दी है। सूत्रों के अनुसार एमेजॉन ने सीसीआई के इस आदेश को कम से कम पांच आधारों पर चुनौती दी है और इस मामले पर इस सप्ताह सुनवाई किए जाने की संभावना है। इसी के साथ एमेजॉन की भारतीय इकाई ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को फ्यूचर रिटेल की परिसंपत्ति बिक्री के खिलाफ एक मध्यस्थता मामले में रोक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
सौदे से संबंधित जानकारी को दबाने के लिए कंपनी की कथित सोची-समझी रूपरेखा का हवाला देते हुए पिछले साल दिसंबर में सीसीआई ने फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के साथ एमेजॉन के वर्ष 2019 के 1,500 करोड़ रुपये के सौदे को स्थगित कर दिया था।
प्रतिस्पद्र्धा विनियामक ने एमेजॉन पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान आदेश मिलने के 60 दिनों के भीतर किया जाना था। अपने 57 पृष्ठों वाले आदेश में विनियामक ने कहा था कि वह संयोजन की नए सिरे से जांच करना आवश्यक समझता है, यह देखते हुए कि दोनों कंपनियां ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ऑफलाइन खुदरा बिक्री में जानी-मानी हैं तथा अपने कारोबारों के बीच अपेक्षित रणनीतिक स्थिति है। इसने कहा था कि बीच की अवधि के लिए वर्ष 2019 में प्रदान की गई सीसीआई की मंजूरी स्थगित रहेगी।
हालांकि एमेजॉन की रणनीति से परिचित लोगों के अनुसार जब फर्म ने सीसीआई को दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, तब उसने स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख किया था कि फ्यूचर कूपन में कंपनी का निवेश एक रणनीतिक निवेश है, क्योंकि सरकार किसी भी समय देश में मल्टी-ब्रांड रिटेल क्षेत्र में निवेश की अनुमति दे सकती है। एमेजॉन की कनूनी टीम से यह तर्क दिए जाने की उम्मीद है कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश नहीं किया था और सभी जानकारियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था।
एमेजॉन की रणनीति से परिचित एक सूत्र ने कहा कि सीसीआई के पास सौदे की मंजूरी को 12 महीने से ज्यादा देर तक रोकने का अधिकार नहीं है। स्थगन लागू नहीं होगा। सीसीआई को 12 महीने के भीतर या तो सौदा मंजूर करना था या रद्द करना था। इस घटनाक्रम के संबंध में एमेजॉन को भेजे गए सवालों पर खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिल पाया था।
एमेजॉन की रणनीति से से परिचित सूत्र ने कहा कि यह भी तर्क दिया जाएगा कि फ्यूचर कूपन, जो संयुक्त आवेदक थी और एमेजॉन से धन प्राप्त करने वाली लाभार्थी की स्थिति में थी, अब एक शिकायतकर्ता है और पैसा प्राप्त करने तथा इसका उपयोग करने के बाद इस सौदे को रद्द करने की मांग कर रही है।
यह मामला अगस्त 2019 का है, जब एमेजॉन ने एफआरएल (फ्यूचर रिटेल) की प्रवर्तक इकाई फ्यूचर कूपन में लगभग 1,500 करोड़ रुपये में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। एक साल बाद अगस्त 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के साथ 3.4 अरब डॉलर की परिसंपत्ति बिक्री का सौदा कर लिया।
अक्टूबर 2020 में एमेजॉन ने आरईएल के साथ सौदा करने के संबंध में फ्यूचर को कानूनी नोटिस भेजा था। इसने आरोप लगाया था कि आरआईएल के साथ फ्यूर के 3.4 अरब डॉलर के परिसंपत्ति बिक्री सौदे से एमेजॉन के साथ समझौते का उल्लंघन होता है। इसने किशोर बियाणी के नेतृत्व वाली शृंखला के साथ अपने गैर-प्रतिस्पर्धा समझौते का हवाला दिया था।

First Published - January 9, 2022 | 10:59 PM IST

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