अमेरिका की फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह पर बाजार में हेरफेर करने और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए जाने के बाद समूह की सूचीबद्ध फर्मों के शेयरों में आज तेज गिरावट दर्ज की गई।
इससे समूह बाजार पूंजीकरण 85,761 करोड़ रुपये घट गया। हालांकि अदाणी समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उसने कहा कि आरोप बिना किसी साक्ष्य के लगाए गए हैं और इस तरह की बातों को देश की अदालतें पहले ही खारिज कर चुकी हैं।
ये आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब दो दिन बाद यानी शुक्रवार को अदाणी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) आने वाला है।
एंकर निवेशकों के लिए इसे बुधवार को खोला गया और अग्रणी वित्तीय संस्थानों की ओर से 6,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर आवंटन के लिए 9,000 करोड़ रुपये की बोलियां आई हैं।
हिंडनबर्ग ने कहा कि अपनी जांच के बाद वह अदाणी समूह के शेयरों को बेच रही है, लेकिन उसने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने जोखिम पर इस रिपोर्ट का उपयोग करें।
रिपोर्ट में अदाणी परिवार के नियंत्रण वाली विदेश में स्थित मुखौटा इकाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और इसके जरिये कर चोरी का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉरीशस की कुछ इकाइयों का उपयोग बाजार में कीमतों में हेरफेर करने के लिए किया गया है। रिपोर्ट में गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी के नियंत्रण वाली मॉरीशस की 38 इकाइयों की पहचान की गई है।
रिपोर्ट में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए बिल के आधार पर कोयला आयात मामले की राजस्व खुफिया महानिदेशालय द्वारा की गई जांच का भी जिक्र किया गया है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की कुछ कंपनियों जैसे कि अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी टोटाल गैस के खातों का ऑडिट छोटी फर्मों द्वारा किया गया है जिसमें केवल चार पार्टनर और 11 कर्मचारी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार बीते समय में समूह की चार सरकारी एजेंसियों द्वारा जांच की जा चुकी है। हालांकि बिज़नेस स्टैंडर्ड स्वतंत्र रूप से इन आरोपों का सत्यापन नहीं कर सकता है।
अदाणी समूह ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिए समूह से कोई संपर्क नहीं किया गया और यह अचंभित और परेशान करने वाला है।