31 अगस्त से घरेलू उड़ान के लिए हवाई किराया तय करने का अधिकार एयरलाइन्स को मिल गया है, अब ऐसा अनुमान है कि आपकी घरेलू हवाई यात्रा का किराया भी सस्ता हो सकता है। क्योंकि इस फैसले के आने के बाद से हवाई किराये पर सरकार ने जो लोअर और अपर कैप पर जो सीमा लगा रखी थी वो अब खत्म हो गई है।
यानि अब एयरलाइंस हवाई किराया खुद तय कर सकती हैं जैसे कोरोना काल से पहले किया करती थीं।
एविएशन मिनिस्ट्री ने इस महिने बताया था कि घरेलू विमान ऑपरेशन और हवाई सफर के लिए यात्रियों की मांग के स्टेटस की समीक्षा को धयान में रखकर ये फैसला लिया है कि घरेलू हवाई यात्रा के लिए एयर फेयर बैंड को खत्म कर दिया जाए।
सरकार ने कब लगाई थी लोअर और अपर लिमिट
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब लॉकडाउन लगाया गया था तो सरकार ने हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। लेकिन 25 मई 2020 को घरेलू उड़ान की शुरुआत हुई तो केवल 33 फीसदी उड़ानो की सरकार ने इजाजत दी थी और साथ ही हवाई किराये पर लोअर और अपर लिमिट तय करने की शुरुआत हुई थी। इस लिमिट के तहत एयरलाइंस 40 मिनट के हवाई सफर के लिए 2900 रुपये से कम और 8800 रुपये से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकती थीं। इसपर जीएसटी अलग से देना पड़ता था।
बता दें कि लोअर बैंड एयरलाइंस को प्रोटेक्ट करने के लिए और अपर बैंड यात्रियों की सहूलियतों के लिए लागू किया गया था।
लेकिन अब 27 महिने बाद इस सिस्टम को सरकार ने वापिस ले लिया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी फैसले पर कहा था कि घरेलू उड़ान के एयर फेयर पर तय सीमा को हटाने का फैसला हवाई ईंधन की कीमतों और उसी रोजाना मांग की समीक्षा के बाद लिया गया है। अब ऐसी उम्मीद है कि घरेलू एयर ट्रैफिक में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।