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DGCA ऑडिट में एयर इंडिया की 51 सुरक्षा खामियां उजागर, पायलट ट्रेनिंग से लेकर सिमुलेटर तक सवालों में

डीजीसीए ने एयर इंडिया में 51 सुरक्षा खामियों की पहचान की और पायलट प्रशिक्षण से लेकर उपकरण जांच तक सुधार की सख्त समयसीमा तय की है।

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एजेंसियां   
Last Updated- July 29, 2025 | 9:44 PM IST

भारत के विमानन नियामक ने जुलाई में किए गए अपने ऑडिट में एयर इंडिया में 51 सुरक्षा खामियों का पता लगाया है जिनमें से कुछ पायलटों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण के अभाव, गैर-स्वीकृत सिमुलेटरों के उपयोग और खराब रोस्टरिंग प्रणाली से जुड़ी हैं। रॉयटर्स ने एक सरकारी रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है। 

यह वार्षिक ऑडिट पिछले महीने अहमदाबाद में हुई बोइंग 787 दुर्घटना से संबंधित नहीं था, जिसमें 260 लोग मारे गए थे, लेकिन इसके निष्कर्ष ऐसे समय में सामने आए हैं जब एयरलाइन दुर्घटना के बाद नए सिरे से जांच का सामना कर रही है। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन को पहले से ही आपातकालीन उपकरणों की जांच किए बिना विमान चलाने, समय पर इंजन के पुर्जे नहीं बदलने और रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के साथ-साथ चालक दल में थकान प्रबंधन से संबंधित अन्य खामियों के लिए चेतावनी नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की 11 पृष्ठों की गोपनीय ऑडिट रिपोर्ट में ‘लेवल 1’ के सात महत्वपूर्ण उल्लंघनों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें 30 जुलाई तक ठीक किया जाना आवश्यक है तथा 44 अन्य गैर-अनुपालन वर्गीकृत किए गए हैं, जिन्हें 23 अगस्त तक हल किया जाना जरूरी है।

फ्लाइटरडार24 वेबसाइट के अनुसार एयर इंडिया के बेड़े में 34 बोइंग 787 और 23 बोइंग 777 विमान शामिल हैं। 

परिचालन और सुरक्षा जो​खिमों को ध्यान में रखते हुए अ​धिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि एयर इंडिया ने कुछ कथित श्रेणी सी हवाई अड्डों के लिए ‘उचित मार्ग आकलन’ नहीं किया (जिनके लेआउट चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं) और इस तरह हवाई अड्डों के लिए ऐसे सिमुलेटरों के साथ प्रशिक्षण आयोजित किया जो योग्यता मानकों को पूरा नहीं करते थे। रॉयटर्स को दिए एक बयान में एयर इंडिया ने कहा कि ऑडिट के दौरान वह ‘पूरी तरह पारदर्शी’ रही। उसने कहा कि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर नियामक को अपना जवाब, सुधारात्मक कार्रवाइयों के विवरण के साथ सौंपेगी।

जून में हुई दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया कि उड़ान भरने के बाद ईंधन नियंत्रण स्विच लगभग एक साथ ही फ्लिप हो गए थे और कॉकपिट में पायलट असमंजस में थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया और दूसरे ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया था। यह ऑडिट डीजीसीए के 10 निरीक्षकों द्वारा किया गया था और इसमें चार अन्य ऑडिटर भी शामिल थे।

First Published : July 29, 2025 | 9:41 PM IST