टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया ने रविवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि वह पश्चिम एशिया से गुजरने वाली अपनी उड़ानों के रास्तों में बदलाव कर रही है। यह फैसला उत्तरी अमेरिका और यूरोप जाने वाली फ्लाइट्स के लिए लिया गया है। एयरलाइन ने पहले से ही ईरान, इराक और इजराइल के हवाई क्षेत्र से बचने का फैसला किया हुआ है। अब वह फारस की खाड़ी के कुछ इलाकों से भी अपनी उड़ानें नहीं गुजारने की योजना बना रही है। इस बदलाव से संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान और कुवैत जैसी जगहों के लिए उड़ानों का समय बढ़ सकता है।
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, “इस बदलाव की वजह से इन रास्तों पर उड़ानों के साथ-साथ यूरोप और उत्तरी अमेरिका जाने वाली कुछ फ्लाइट्स का समय भी बढ़ सकता है।”
उन्होंने बताया कि यह फैसला पूरी तरह से यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। एयरलाइन ने एयर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर यह कदम उठाया है ताकि क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से निपटा जा सके।
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इस बीच, 22 जून की सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नटांज और इस्फहान पर हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन में छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड के “बंकर-बस्टर” बमों का इस्तेमाल किया, साथ ही पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हमले को “बेहद सफल” करार देते हुए दावा किया कि परमाणु सुविधाएं “पूरी तरह नष्ट” हो गईं।
हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि फोर्डो में केवल कुछ सुरंगों को नुकसान पहुंचा है। इस हमले ने पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष की आशंका को और बढ़ा दिया है।
एयर इंडिया ने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाने को तैयार है। एयरलाइन ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि किसी भी बदलाव या अपडेट की जानकारी उन्हें समय पर दी जाएगी। क्षेत्र में अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल के बीच एयर इंडिया अपनी सेवाओं को सुरक्षित और सुचारू रखने के लिए प्रतिबद्ध है।