गर्मी की शुरुआत से पहले इस साल रिकॉर्ड गर्मी पड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। इस कारण एयरकंडीशन (एसी) विक्रेताओं ने दुकानों में एयरकंडीशनरों का स्टॉक रख लिया था।
लेकिन मौसम के मिजाज को समझ पाना इतना आसान कहां है। इस साल मॉनसून ने जल्दी आकर सबकी उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया और गर्मी के मौसम को भी छोटा कर दिया। इसका सीधा असर पड़ा एयरकंडीशनरों की बिक्री पर। अब हालत यह है कि दुकानों पर एयरकंडीशनरों की तो भरमार है लेकिन ग्राहक दुकानों का रुख ही नहीं कर रहे हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में दिल्ली और मुंबई के एसी विक्रेताओं ने माना कि एसी की बिक्री नहीं होने के कारण बचा हुआ स्टॉक उनके लिए सिरदर्द बना हुआ है। एसी निर्माता कंपनियों से एसी खरीदने के लिए पड़ते दबाव के कारण डीलर्स कंपनियों से एसी तो ले लेते हैं। लेकिन बिक्री में हो रही गिरावट उनके लिए मुसीबत बनती जा रही है।
कई डीलरों ने तो कंपनियों से और एसी खरीदने से मना कर दिया है। ऐसा करने से इन डीलरों के इन्सेन्टिव्स में कटौती होना तो तय है। दक्षिणी दिल्ली के एक एसी डीलर मानव भंडारी ने बताया, ‘इस बुरे वक्त में महीने खत्म होने पर कंपनियों को पैसा देने के बारे में सोच कर ही डर रहे हैं। इस साल एसी की बिक्री पिछले कई सालों में सबसे कम रही। मांग कम और आपूर्ति ज्यादा होने के कारण हमारे पास सामान का काफी स्टॉक हो गया है।’
कई कंपनियों ने तो इस साल एसी की रिकॉर्ड बिक्री होने का अनुमान लगाकर उत्पादन क्षमता में भी विस्तार किया था। लेकिन जल्दी आए मॉनसून, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और आर्थिक मंदी के चलते एसी निर्माताओं की ज्यादा बिक्री होने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ओआरजी डाटा के मुताबिक इस साल मई-अप्रैल में एसी की बिक्री में मात्र 10 फीसदी का ही इजाफा हुआ है। जबकि पिछले वित्त वर्ष इसी महीने एसी की बिक्री में लगभग 79 फीसदी का इजाफा हुआ था।
सभी आंकड़े यही बताते हैं कि इस साल एसी उद्योग 28लाख एसी की बिक्री का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार कंपनी पिछले साल के 20 लाख एसी की बिक्री के आंकड़े के आस-पास भी नहीं पहुंच पाएगा। एसी बाजार की अग्रणी कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने इस साल मई में लगभग 1 लाख एसी बेचे हैं। जबकि कंपनी ने इस साल के 1.5 लाख एसी की बिक्री का लक्ष्य रखा था। सैमसंग के एसी की बिक्री में भी 10-15 फीसदी की गिरावट आई है।
लेकिन डीलरों का कहना है कि यह आंकड़े सही नहीं हैं। दरअसल यह आंकड़े कंपनियों द्वारा डीलरों को बेचे गए एसी के हैं। जबकि डीलरों द्वारा ग्राहकों को बेचे गए एसी के आंकड़े काफी कम हैं। इसका नतीजा यह है कि डीलरों के पास नहीं बिकने वाले एसी की भरमार हो गई है। हालांकि डीलरों के पास अभी कितना स्टॉक है इस बात की सही जानकारी नहीं मिली है। डीलरों से बात करने पर पता चला कि मध्यम श्रेणी का एक डीलर जहां साल की शुरुआत में 250-300 एसी बेच रहा था वहीं अब 30-40 एसी भी मुश्किल से ही बिक पाते हैं।
पिछले साल लगभग सभी डीलरों ने अपने स्टॉक का 80-90 फीसदी हिस्सा बेच दिया था। दरअसल एसी निर्माता कंपनियां भी डीलरों की इस समस्या से वाकिफ हैं। कई कंपनियों ने तो छूट और कई तरह के आकर्षक ऑफरों से भी ग्राहकों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। एलजी ने तो एसी फ्री में इन्सटॉल करने का ऑफर दे रखा है। एलजी इंडिया के प्रबंध निदेशक मून बी शिन ने हाल ही में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि ज्यादा माल भंडार होने के कारण कंपनी को अपनी 11वीं वर्षगांठ के अवसर पर कई तरह की छूट देनी पड़ी थी।
गोदरेज ऐंड बॉइस के मुख्य परिचालन अधिकारी (एपलायंस डिवीजन) जॉर्ज मेनेजिस ने बताया, ‘इस संकट के समय में सबसे अच्छा उत्पाद ही बाजार में टिक पाएगा।’ एसी डीलर और निर्माता अब थोक बिक्री के लिए रियल एस्टेट डेवेलपर्स और संस्थानों का मुंह ताक रहे हैं।
एसी का बाजार पड़ा ठंडा
अप्रैल-मई बिक्री में इजाफा कमाई में इजाफा
2007-08 79 83
2008-09 10 12
आंकड़े प्रतिशत में