वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में दूरसंचार क्षेत्र का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) एक साल पहले के मुकाबले 7.2 फीसदी बढ़कर 61,400 करोड़ रुपये रहा। क्रमिक आधार पर वृद्धि 0.7 फीसदी पर बरकरार रही।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक रिपोर्ट में बताया गया है कि सालाना आधार पर गणना की गई वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में उद्योग का एजीआर (राष्ट्रीय लंबी दूरी सेवा सहित) बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें कहा गया है, ‘हम इससे प्रभावित हैं कि दरों में किसी तरह का बड़ा बदलाव नहीं होने और प्रीमियमीकरण अच्छा रहने के बावजूद दूरसंचार कंपनियां बेहतर गति से राजस्व बढ़ाने में कामयाब रहीं।’
जेफरीज की एक विश्लेषक नोट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 तक क्षेत्रीय राजस्व 15 फीसदी की चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर से बढ़कर 38 अरब डॉलर हो जाएगा, जो एयरटेल और जियो की बाजार हिस्सेदारी बढ़ने के साथ वित्त वर्ष 2024 में 29 अरब डॉलर था। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़े दर्शाते हैं कि वित्त वर्ष 2024 में दूरसंचार उद्योग के एजीआर में 8.24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2023 के 2.49 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गई।
नोट में कहा गया है कि हालिया तिमाही के दौरान दूरसंचार क्षेत्र का सालाना राजस्व 30 अरब डॉलर के नए शिखर तक बढ़ता रहा, लेकिन सेक्टर राजस्व वृद्धि एक साल पहले के मुकाबले 7 फीसदी कम हो गई। इसमें कहा गया है, ‘औसत ग्राहक वृद्धि एक साल पहले के मुकाबले 2 फीसदी कम हो गई, लेकिन प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में 5 फीसदी की धीमी वृद्धि रहवे से राजस्व वृद्धि में कमी आई।’
राजस्व बाजार हिस्सेदारी (आरएमएस) के मामले में विश्लेषकों का कहना है कि लाभ एयरटेल और जियो के लिए तब तक बरकरार रहेगा जब तक वोडाफोन आइडिया (वी) 4जी में अपने नेटवर्क निवेश को पूरा नहीं कर लेती है और 5जी सेवाओं की पेशकश शुरू नहीं कर देती है। आरएमएस भारतीय बाजार में कुल राजस्व अथवा बिक्री के प्रतिशत को दर्शाता है जो एक दूरसंचार कंपनी के कारोबार को बनाता है और इसे एक महत्त्वपूर्ण पैमाना माना जाता है।