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Adani Vs Hindenburg: 24 जनवरी को आई थी रिपोर्ट, महीने भर में अर्श से फर्श पर पहुंचे अदाणी!

दरअसल इसी तारीख को अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अदाणी समूह (Adani Group) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के एक महीने बाद भी अदाणी ग्रुप के शेयरों पर दबाव बना हुआ है।

Published by
समी मोडक
Last Updated- February 25, 2023 | 12:58 PM IST

24 जनवरी की तारीख किसी के लिए खास हो या न हो लेकिन उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) के लिए ये तारीख किसी बुरे सपने से कम नहींं है। दरअसल इसी तारीख को अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अदाणी समूह (Adani Group) को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के एक महीने बाद भी अदाणी ग्रुप के शेयरों पर दबाव बना हुआ है।

रिपोर्ट जारी होने के बाद से अदाणी ग्रुप के 10 शेयरों को हर दिन औसतन 52,343 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केवल इस एक महीने के दौरान ग्रुप का बाजार पूंजीकरण (MCap) 19.2 ट्रिलियन रुपये से घटकर 12.05 ट्रिलियन (145 बिलियन डॉलर) हो गया। MCap लगभग 63 फीसदी घटा है। इसे वैश्विक स्तर पर पूंजी का अब तक का सबसे बड़ा सफाया (wipeout) कहा जा सकता है।

24 जनवरी को ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स पर गौतम अदाणी चौथे नंबर थे। केवल 23 कारोबारी सत्रों में उनकी संपत्ति में करीब 80 अरब डॉलर की गिरावट आई और अब अदाणी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स पर चौथे पायदान से फिसलकर 29वें नंबर पर आ गए हैं।

7.16 ट्रिलियन रुपये के कुल MCap के साथ अदाणी ग्रुप अब टाटा ग्रुप, रिलायंस और राहुल बजाज ग्रुप के बाद चौथा सबसे बड़ा ग्रुप है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले, अदाणी ग्रुप, टाटा के ठीक पीछे दूसरे स्थान पर था।

नतीजतन, इस अवधि के दौरान भारत का MCap भी 20.4 ट्रिलियन रुपये गिरकर 280.4 ट्रिलियन रुपये से 260 ट्रिलियन रुपये हो गया है। ग्लोबल MCap लीग टेबल पर देश की रैंकिंग पांचवें पायदन से फिसलकर सातवें पायदान पर आ गई। इस गिरावट का बड़ा कारण अदानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट है। निफ्टी 500 इंडेक्स (देश के शीर्ष 500 शेयरों के प्रदर्शन के लिए एक गेज) 24 जनवरी से लगभग 5 फीसदी टूट गया है।

अदाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का असर बाजार के औसत निवेशक पर भी पड़ा है। 30 जनवरी को, जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक बयान में कहा था कि अदाणी ग्रुप के शेयरों का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये था, जो अब घटकर लगभग 25,000 करोड़ रुपये रह गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए, कोई यह पता नहीं लगा सकता है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद से राज्य के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी ने अपनी अदाणी होल्डिंग्स में से किसी को बेच दिया है या अधिक शेयर खरीदे हैं।

इसकी तुलना में, घरेलू म्युचुअल फंडों का फर्म के लिए सीमित जोखिम था। इसमें से अधिकांश इंडेक्स फंड और निफ्टी 50 और निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के माध्यम से है।

इस बीच, अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड, 24 जनवरी से क्रमशः 62 फीसदी और 27 फीसदी टूट चुके है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स का हिस्सा हैं। जिसे 2 ट्रिलियन रुपये से अधिक के प्रबंधन के तहत फंड द्वारा ट्रैक किया जाता है। हालांकि अब दोनों शेयरों का संयुक्त भारांक 2 फीसदी से कम है।

दिसंबर 2022 के अंत तक, अदाणी ग्रुप के 10 शेयरों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 1 फीसदी से 11 फीसदी के बीच थी। सबसे अधिक एसीसी में 11 फीसदी है। अदाणी टोटल गैस, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी ग्रीन एनर्जी में डायरेक्ट रिटेल होल्डिंग- जिसमें सबसे ज्यादा गिरावट आई है- क्रमशः 2 फीसदी, 1 फीसदी और 2 फीसदी रही।

First Published : February 25, 2023 | 12:56 PM IST