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अदाणी की फिर शुरू हो सकती है जांच, सिंगापुर से साक्ष्य जुटाने के लिए DRI ने की सुप्रीम कोर्ट से अपील

राजस्व एजेंसी ने 2014 में 40 कंपनियों की व्यापक शुरू की थी, इसी के तहत अदाणी के आयात की भी जांच हो रही है।

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एजेंसियां   
Last Updated- November 17, 2023 | 9:55 PM IST

भारत के जांचकर्ता आयातित कोयले का कथित रूप से ज्यादा मूल्यांकन करने के मामले में अदाणी समूह की जांच फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं। जांचकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि उन्हें सिंगापुर से साक्ष्य जुटाने की अनुमति दी जाए।

राजस्व खुफिया महानिदेशालय 2016 से ही अदाणी सौदे में सिंगापुर के प्राधिकारियों से लेन देन संबंधी दस्तावेज हासिल करने की कवायद कर रहा है।

जांच एजेंसी को संदेह है कि समूह द्वारा इंडोनेशियाई आपूर्तिकर्ता से आयातित कोयले की कीमत उसकी सिंगापुर इकाई अदाणी ग्लोबल पीटीई ने कागज पर बढ़ाई। उसके बाद उसकी भारतीय इकाइयों ने भी ऐसा किया।

अदाणी एंटरप्राइजेज और इसकी सहायक इकाइयों का नेतृत्त्व भारत के अरबपति गौतम अदाणी करते हैं। अदालत के दस्तावेजों से पता चलता है कि कंपनी ने सिंगापुर में दस्तावेज प्राप्त करने की कवायद को रोकने के लिए भारत और सिंगापुर में कई बार कानूनी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।

अदाणी ने कोई गलत काम होने से इनकार करते हुए कहा है कि भारत के प्राधिकारी उसके कोयला शिपमेंट का आकलन बंदरगाहों से जारी होने के पहले के हिसाब से कर रहे हैं।

राजस्व खुफिया एजेंसी ने 9 अक्टूबर की लीगल फाइलिंग में उच्चतम न्यायालय में कहा था कि वह पहले की निचली अदालत के आदेश को खारिज करे, जिसमें सिंगापुर से साक्ष्य एकत्र करने से रोकने का आदेश दिया गया था। इसकी सबसे पहली खबर रॉयटर्स ने दी थी।

भारतीय अधिकारियों ने अदाणी की इस दलील का विरोध किया कि एजेंसी ने ‘उचित प्रक्रिया’ का पालन नहीं किया। एजेंसी ने याचिका में कहा कि उसे पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत दक्षिण पूर्व एशिया के इस देश से जानकारी मांगने की अनुमति है।

25 पृष्ठ की फाइलिंग में कहा गया है कि यह तरीका अपनाने की अनुमति वित्त मंत्रालय के साथ साथ गृह मंत्रालय से मिली हुई है। इसमें कहा गया है कि यह जांच पूरी तरह अनुपालन के मुताबिक है।

रॉयटर्स को एक बयान में अदाणी समूह ने कहा है कि उसने प्राधिकारियों के साथ ‘पूरा सहयोग’ किया है और 4 साल पहले मांगे गए सभी दस्तावेज और ब्योरे दिए हैं और जांचकर्ताओं से कहा है कि आगे भी किसी भी तरह की जांच को लेकर ‘कोई आपत्ति’नहीं है।

इस सिलसिले में रॉयटर्स की ओर से मांगी गई जानकारी में भारत की राजस्व एजेंसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कारोबारी दिग्गज और उनकी वैश्विक कंपनी ने कर मामले में उदारता का अनुचित इस्तेमाल किया है और शेयर की कीमतों में हेराफेरी की है। कोयला मामले की जांच फिर से शुरू करने का मामला उठा है। शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट अदाणी समूह ने खारिज कर दिया, इसके बावजूद समूह के शेयरों में 150 अरब डॉलर की गिरावट आई। उच्चतम न्यायालय भी हिंडनबर्ग के आरोपों की नियामक द्वारा की जा रही जांच पर नजर लगाए हुए है।

भारत में 2024 में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है और वे आरोप लगा रहे हैं कि सरकार के फैसलों से अदाणी को लाभ पहुंचा है। मोदी और अदाणी की ओर से गड़बड़ियों के आरोप से इनकार किया गया है।

राजस्व एजेंसी ने 2014 में 40 कंपनियों की व्यापक शुरू की थी, इसी के तहत अदाणी के आयात की भी जांच हो रही है। जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इंडोनेशियाई कोयले का आयात कर रही कंपनियां डिलिवरी में कीमतें बढ़ाकर दिखा रही हैं, जिसे सिंगापुर के मध्यस्थ के माध्यम से मंगाया जा रहा है।

भारत के प्राधिकारियों ने 1,300 शिपमेंट की समीक्षा की, जिसमें अदाणी समूह शामिल है और न्यायालय में अपने दाखिले में कहा कि इसमें आयातित कोयले का मूल्य बढ़ाकर दिखाया गया है। एजेंसी के मुताबिक इसमें अरबों रुपये का मामला हो सकता है जिसमें किसी इंडोनेशियाई आपूर्तिकर्ता की पहचान नहीं की गई है।

सिंगापुर में लड़ाई

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को बताया कि भारत सिंगापुर के अधिकारियों से जो सबूत मांग रहा है, उसमें अडाणी के 20 बैंकों से लेन-देन के दस्तावेज शामिल हैं। ये इस मामले में वित्तीय सबूत स्थापित करने में मदद कर सकते हैं।

अगर उच्चतम न्यायालय एजेंसी के ताजा अनुरोध को मान लेता है तो उसके बाद दस्तावेज हासिल करने के लिए सिंगापुर के अपील न्यायालय से आदेश लेना होगा।

सिंगापुर न्यायालय ने संबंधित दस्तावेजों को देखने के रॉयटर्स के अनुरोध को खारिज करते हुए लिखित रूप से कहा था कि ये फाइलें सीलबंद हैं।

लेकिन रॉयटर्स ने भारतीय न्यायालय में दाखिल दस्तावेज के हजारों पेज देखे हैं, जिसमें भारत की एजेंसी और अदाणी के बीच खींचतान का पता चलता है, जो हाल के वर्षों में मुंबई से लेकर नई दिल्ली और सिंगापुर तक चली है।

First Published : November 17, 2023 | 9:55 PM IST