जापानी वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने कहा है कि अदाणी समूह भारत की निवेश श्रेणी वाली अन्य कंपनियों के बीच सबसे आकर्षक दिखता है क्योंकि निवेश श्रेणी वाली अन्य भारतीय कंपनियां पोर्ट-टू-एनर्जी समूह की तुलना में महंगे स्तर पर हैं।
एक रिपोर्ट में नोमुरा ने कहा कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग घटनाक्रम की तुलना में समूह की नकदी प्रबंधन से जुड़ी जागरूकता में खासा सुधार हुआ है। अल्पावधि में जब अदाणी समूह वृद्धि वाली अपनी पहल पर कम महत्वाकांक्षी होगा तो हमारा मानना है कि समूह तूफान के इस दौर से निपटने में सक्षम होना चाहिए। फर्म ने कहा कि कुल मिलाकर परिसंपत्ति गुणवत्ता बरकरार रहने के बीच समूह में दबाव के कोई संकेत नहीं हैं और कर्ज का स्तर प्रबंधन योग्य है।
हालांकि फर्म का मानना है कि यह संभव है कि अमेरिका के न्याय विभाग के अभियोग अल्पावधि में वैश्विक बैंक अदाणी समूह को नए कर्ज रोकने पर विचार कर सकते हैं लेकिन जब मामला निपट जाएगा तो लंबी अवधि में उनकी तरफ से धीरे-धीरे कर्ज फिर से शुरू हो सकते हैं। अदाणी समूह ने अमेरिकी आरोपों से इनकार किया है। नोट में कहा गया है कि अलग-अलग तीन बड़े जापानी बैंक अदाणी समूह के साथ अपने रिश्ते जारी रखने की योजना बना रहे हैं। तीन बड़े जापानी बैंकों में मित्सुबिशी यूएफजे फाइनैंशियल ग्रुप (एमयूएफजी), सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) और मिजुहो बैंक शामिल हैं।
इसके अलावा नोमुरा ने कहा कि जिन निर्गमकर्ताओं को नय्या विभाग के विदेश भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) की कार्रवाई झेलनी पड़ी है, उनकी वित्तीय रास्तों तक पहुंच अभी भी बरकरार है। जैसे एल्बमर्ले, नोवार्टिस, ग्लेनकोर, टेवा फार्मास्युटिकल, टोटाल आदि।
इसके अलावा नोमुरा को 8 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) की सौर विनिर्माण से जुड़ी परियोजनाओं के रदद् होने का जोखिम भी न्यूनतम लग रहा है। 2.5 रुपये प्रति किलोवॉट-घंटा के औसत टैरिफ पर रीन्यू की सौर एसईसीआई परिचालित परियोजनाओं की तुलना में अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की परियोजनाओं के लिए टैरिफ का स्तर उतना ज्यादा नहीं है। प्रभावित परियोजनाओं में से किसी का भी बिजली खरीद समझौता (पीपीए) रद्द होने पर नीलामी के माध्यम से वह टैरिफ स्तर में किसी बड़ी गिरावट के बिना फिर से अनुबंधित हो सकते हैं। नोमुरा के अनुसार अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के संबंध में संभावित जुर्माना राशि प्रबंधन योग्य है क्योकिं यह रिश्वत की राशि का तीन गुना तक है।