वित्त वर्ष 2020-21 में वैश्विक महामारी के बाद शेयर बाजार में आई तेजी के बीच गौतम अदाणी परिवार द्वारा नियंत्रित अदाणी समूह को सबसे अधिक फायदा हुआ। अदाणी समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण मंगलवार को 6.7 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो मार्च 2020 के अंत में दर्ज 1.31 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 5 गुना अधिक है।
इसके मुकाबले बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों के एकीकृत बाजार पूंजीकरण में पिछले 12 महीनों के दौरान 79.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। जबकि शीर्ष तीन कारोबारी समूहों- टाटा, एचडीएफसी एवं मुकेश अंबानी- के बाजार पूंजीकरण में इस दौरान क्रमश: 90 फीसदी, 72 फीसदी और 89 फीसदी की वृद्धि हुई।
यह विश्लेषण बीएसई 500, बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में शामिल 1,056 कंपनियों के नमूनों पर आधारिरत है। इन कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण 196 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण का करीब 95 फीसदी है।
विजेताओं की सूची को संकलित करने के लिए बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में उन्हीं कंपनियों को रखा गया जिनके समूह का बाजार पूंजीकरण 30 मार्च को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। इससे मझोले आकार के और एकल कंपनी वाले कई कारोबारी समूह सूची से बाहर हो गए।
मझोले आकार के कारोबारी समूहों में शीर्ष बढ़त दर्ज करने वाली कंपनियों में मदरसन सूमी (231 फीसदी की बढ़त), आयशर ग्रुप (102 फीसदी की बढ़त), डिविज लैबोरेटरीज (80 फीसदी की बढ़त), हैवेल्स इंडिया (102 फीसदी की बढ़त), नवीन जिंदल (309 फीसदी की बढ़त) आदि शामिल हैं।
स्टॉक एक्सचेंज पर अदाणी समूह के प्रदर्शन को मुख्य तौर पर उसके सौर ऊर्जा कारोबार अदाणी ग्रीन से दम मिला। पिछले 12 महीनों के दौरान कंपनी का बाजार पूंजीकरण साढ़े सात गुना बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 24,000 करोड़ रुपये रहा था। इससे अदाणी पोट्र्स बाजार पूंजीकरण के लिहाज से समूह की सबसे बड़ी कंपनी बन गई।
हालांकि समूह में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनी अदाणी टोटल गैस के बाजार पूंजीकरण में पिछले साल मार्च के अंत से अब तक करीब 10 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण अब 1 लाख करोड़ रुपये हो चुका है जो एक साल पहले 9,500 करोड़ रुपये रहा था।
पिछले कुछ महीनों के दौरान अदाणी समूह की सभी कंपनियों का प्रदर्शन व्यापक बाजार में जबरदस्त रहा है क्योंकि देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को भुनाने संबंधी अदाणी समूह की क्षमता को देखते हुए निवेशकों ने काफी भरोसा जताया है। यही कारण है कि घाटे में चल रही अदाणी पावर के बाजार पूंजीकरण में भी पिछले 12 महीनों के दौरान तिगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
पिछले 12 महीनों के दौरान बाजार पूंजीकरण में बढ़त के मोर्चे पर अदाणी समूह के बाद जेएसडब्ल्यू समूह दूसरे पायदान पर रहा। समूह की प्रमुख कंपनी जेएसडब्ल्यू के शेयर में जबरस्त उछाल आने से बाजार पूंजीकरण को बल मिला। जेएसडब्ल्यू स्टील पिछले साल सूचकांक में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रही। उसके बाजार पूंजीकरण में पिछले 12 महीनों के दौरान 212 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। लॉकडाउन के बाद इस्पात की कीमतों में आई तेजी से कंपनी को मजबूती मिली।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान बाजार पूंजीकरण में सबसे अधिक बढ़त दर्ज करने वाले समूहों की सूची में हिंदुजा समूह तीसरे पायदान पर रहा जिसे इंडसइंड बैंक से मजबूती मिली। बैंक का बाजार पूंजीकरण पिछले साल मार्च के अंत के बाद अब तक करीब 3 गुना बढ़ चुका है। बढ़त दर्ज करने वाली समूह की अन्य कंपनियों में अशोक लीलैंड (164 फीसदी) और हिंदुजा ग्लोबल (249 फीसदी) शामिल हैं।