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आसमान से गिरा और खजूर में अटका Adani Group, OCCRP के आरोपों के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर फिसले

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद अदाणी ग्रुप अभी कुछ संभला ही था कि एक नयी रिपोर्ट ने उसकी फिर से नींद उड़ा दी है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 31, 2023 | 12:43 PM IST

अदाणी ग्रुप (Adani Group) के बुरे दिन पीछे हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इस साल की शुरुआत में आई शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद अदाणी ग्रुप अभी कुछ संभला ही था कि एक नयी रिपोर्ट ने उसकी फिर से नींद उड़ा दी है।

दरअसल ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) के अदाणी ग्रुप पर उसके प्रोमोटर्स परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए उसके शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद कंपनी के शेयरों में गुरुवार को गिरावट आई।

अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। बीएसई पर, अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर (Adani Green Energy Share) 4.43 प्रतिशत गिरकर 927.65 रुपये पर आ गया, जिसका बाजार पूंजीकरण 1.47 लाख करोड़ रुपये है।

अदाणी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरा

अदाणी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरकर 315.85 रुपये पर आ गया। अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.56 प्रतिशत गिरकर 2,424 रुपये पर और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 3.18 प्रतिशत गिरकर 814.95 रुपये पर आ गया।

बीएसई पर अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईज़ेड) 2.75 प्रतिशत गिरकर 796.50 रुपये पर, अदाणी टोटल गैस 2.74 प्रतिशत गिरकर 634.60 रुपये पर, एनडीटीवी 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपये पर और अदाणी विल्मर 1.83 प्रतिशत गिरकर 362.20 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। एसीसी के शेयर 3.15 प्रतिशत गिरकर 1,937.10 रुपये पर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.84 प्रतिशत गिरकर 431.60 रुपये पर आ गए।

अब जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स के फंड वाले संगठन ने लगाए आरोप

जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।

कई ‘टैक्स हेवन’ की फाइलों और अदाणी समूह के कई आंतरिक ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए ओसीसीआरपी ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाए गए जहां ‘‘अस्पष्ट’’ निवेशकों ने ऐसी विदेशी इकाइयों के जरिए अडाणी के शेयर खरीदे व बेचे। ‘टैक्स हेवन’ उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है।

ओसीसीआरपी ने दावा किया कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नामक दो लोगों के अडाणी परिवार के साथ लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं और उन्होंने गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी से जुड़ी समूह कंपनियों आदि में निदेशक तथा शेयरधारक के रूप में भी काम किया है।

ओसीसीआरपी ने आरोप लगाया, ‘‘ इन लोगों ने विदेशी इकाइयों के जरिए कई वर्षों तक अडाणी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया। उनकी भागीदारी अस्पष्ट है।’’

उसने आरोप लगाया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी प्रबंधन कंपनी ने गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी की कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए भुगतान किया था।’’

अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों का किया खंडन

अदाणी समूह ने एक बयान में स्पष्ट रूप से इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया। समूह ने इसे ‘‘ बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास’’ घोषित किया।

बयान में कहा गया, ‘‘ ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे।’’

समूह ने कहा, ‘‘ मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है।’’

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

First Published : August 31, 2023 | 12:43 PM IST