ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा मंगलवार को दी गई खबर में कहा गया है कि अदाणी ग्रुप (Adani Group) का कर्ज पिछले साल के दौरान करीब 21 फीसदी बढ़ा और इसमें वैश्विक बैंकों (global banks) का अनुपात बढ़कर लगभग एक-तिहाई हो गया।
रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप से जुड़े लोगों और निवेशकों को भेजी गई जानकारियों के आधार पर कहा गया है कि मार्च के अंत में करीब भारतीय व्यावसायिक घरानों की 29 फीसदी उधारी वैश्विक अंतरराष्ट्रीय बैंकों से जुड़ी हुई थी।
अदाणी ग्रुप ने गिरवी शेयर, बॉन्डों और ऋण चुकाने के प्रयास किए हैं और उसने निवेशकों में फिर से भरोसा पैदा करने तथा शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट से पैदा हुए संकट के बाद अपने कर्ज से जुड़ी चिंताएं दूर करने के लिए बड़े निवेशकों और लेनदारों के साथ रोडशो किए हैं।
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समाचार पत्र मिंट ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि गौतम अदाणी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले समूह ने मार्च तिमाही में कम से कम 3 अरब डॉलर का भुगतान किया, प्रवर्तक-समूह के गिरवी हिस्से में कमी की और तीन घरेलू म्युचुअल फंडों के साथ बॉन्डों का निपटान किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह ने 36.50 अरब रुपये के वाणिज्यिक पत्रों का भी भुगतान किया है। अदाणी समूह ने रॉयटर्स द्वारा इस संबंध में पूछे गए सवालों का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है।