छत्तीसगढ़ सरकार को कर्नाटक के विभिन्न उद्योगों की ओर से 3,700 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। राज्य सरकार इस समय नक्सली गड़बड़ी की आशंकाओं को दूर करने तथा नए दौर के व्यवसायों के लिए खुद को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने पहले कार्यकाल में नए रोजगार के सृजन और लोगों के जीवन में सुधार की कवायद कर रहे हैं।
उन्होंने आईटी/आईटीईएस, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रॉसेसिंग और हरित ईंधन जैसे क्षेत्रों में निवेश की तलाश में आयोजित रोडशो के दौरान बेंगलूरु में बुधवार को शीर्ष उद्योगपतियों व अग्रणी कारोबारियों से मुलाकात की।
साय इसके पहले नई दिल्ली और मुंबई में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा, ‘हम नया रायपुर को मध्य भारत के सबसे बड़े आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। वहां 1.6 अरब डॉलर का निवेश किया गया है, जिससे बुनियादी ढांचा देश के सर्वश्रेष्ठ शहरों के बराबर हो जाएगा।’
बीईएमएल, गोकलदास एक्सपोर्ट्स और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने राज्य की कारोबार के अनुकूल नीतियों और बुनियादी ढांचे संबंधी समर्थन की प्रशंसा की।
साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत बड़े उद्योगों के लिए विशेष नीति बनाई गई है, जिसमें पूंजी निवेश (200 से 450 करोड़ रुपये) पर 30-50 फीसदी का रिटर्न देने की पेशकश की गई है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, टेक्सटाइल, खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष छूट भी दी गई है।
राज्य नया रायपुर में फार्मास्यूटिकल पार्क भी स्थापित कर रहा है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल पार्क होगा। राज्य ने बस्तर और सरगुजा को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहित करने के लिए उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। इन क्षेत्रों में वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ क्षेत्रों में प्रोत्साहन भी दिया गया है।