अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वैश्विक रूप से आईबीएम का कंसल्टिंग राजस्व उसके सॉफ्टवेयर व्यवसाय (2 प्रतिशत) की तुलना में 5 प्रतिशत तक बढ़ा। आईबीएम कंसल्टिंग इंडिया ऐंड साउथ एशिया के मैनेजिंग पार्टनर ऋषि अरोड़ा ने आयुष्मान बरुआ के साथ ईमेल साक्षात्कार में AI और जेनAI की भागीदारियों और संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया। प्रमुख अंश :
आईबीएम का कंसल्टिंग राजस्व चौथी तिमाही में 5 प्रतिशत तक बढ़ा। क्या आप परामर्श क्षेत्र में तेजी देख रहे हैं?
हम ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जब AI आधारित डिजिटल बदलाव में तेजी आ रही है। हरेक संगठन ग्राहक मांग पूरी करने, अपनी मुख्य प्रक्रियाएं संचालित करने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए इस टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है।
AI और क्लाउड की ताकत बढ़ाने के लिए, ग्राहकों ने वेंडर-एग्नॉस्टिक सॉल्युशन पर जोर दिया है जो उनके मौजूदा आईटी ढांचों के साथ काम करते हैं। यह आईबीएम कंसल्टिंग के लिए पसंदीदा रहा है क्योंकि ग्राहकों को कार्यान्वयन और सफल होने के लिए सही प्रौद्योगिकी समाधान, कौशल और समर्थन की आवश्यकता होती है।
आईबीएम कंसल्टिंग में हम ग्राहकों को रणनीति, परिचालन मॉडलों, व्यवसाय मूल्य पर नजर रखने, AI प्रशासन, तकनीकी आधार, बदलाव प्रबंधन और चयन में मदद करते हैं।
परामर्श में वृद्धि के मुख्य वाहक क्या हैं?
आईबीएम वृद्धि के कई मुख्य कारक हमें दूसरों से अलग बनाते हैं। पहला, कोई भी अन्य कंसल्टिंग प्रदाता इस तरह की पेशकश नहीं कर सकता है जो हमारे ग्राहकों को आईबीएम रिसर्च तक पहुंच बनाने से मिलती है।
दूसरा, परामर्श उद्योग में कई कंपनियों ने अल्पावधि मूल्य पर ध्यान दिया है और ग्राहकों को कम महत्वपूर्ण उत्पादों की सलाह दी है। साथ ही,आईबीएम कंसल्टिंग का आईबीएम टेक्नोलॉजी के साथ-साथ भागीदारों के पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने का स्पष्ट इरादा है।
अपने साझेदारों के साथ सहयोग करने के नए तरीकों पर काम करके, हम न केवल अपने पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार कर रहे हैं बल्कि अपने ग्राहकों के लिए बेहतर मूल्य प्रदान कर रहे हैं। यह दृष्टिकोण हमारे लिए राजस्व बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रहा है।
इस साल आईटी उद्योग के लिए आपका क्या नजरिया है?
2023 में, हमने AI प्रूफ-ऑफ-कंसेप्ट्स में तेजी दर्ज की। 2024 में हम संगठनों को प्लस-AI से AI-प्लस की ओर रुख करते देखेंगे। हम कार्य क्षेत्र में AI के बढ़ते असर पर भी ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि आईबीवी (आईबीएम इंस्टीट्यूट फॉर बिजनेस वैल्यू) के एक ताजा अध्ययन के अनुसार, सी-सुइट के 80 प्रतिशत अधिकारी मानते हैं कि जेनAI बुनियादी तौर पर अपने संगठन के कार्य प्रवाह में बदलाव लाएगी।
हमारे ग्राहकों ने ग्राहक सेवा, ऐप्लीकेशन आधुनिकीकरण और प्रतिभा प्रबंधन में बड़ा असर महसूस किया है। आईबीएम कंसल्टिंग में, हमारा लक्ष्य AI को बढ़ावा देना और अपने विशेषज्ञों को ग्राहकों के लिए जटिल चुनौतियां दूर करने की अनुमति देना है। 2024 AI के लिए सकारात्मक संभावनाओं वाला वर्ष होगा।
जेनAI के अलावा, आईबीएम खासकर भारत से अन्य कौन से प्रौद्योगिकियों पर दांव लगा रही है?
आईबीएम में हम AI, हाइब्रिड क्लाउड, साइबरसिक्युरिटी और क्वांटम कम्प्यूटिंग जैसी नई और आगामी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों पर लगातार ध्यान दे रहे हैं। इसका प्रमाण तब मिला है जब हमारी टीमों ने AI, सेमीकंडक्टर और क्वांटम टेक्नोलॉजी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के साथ समझौते किए।
हाइब्रिड क्लाउड वृद्धि का मुख्य वाहक बना रहेगा, जैसा कि हमारे रेड हैट व्यवसाय में दो अंक की वृद्धि से संकेत मिला है। हमारा आईबीएम कंसल्टिंग व्यवसाय ग्राहकों के लिए मददगार साबित हो रहा है।