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In Parliament: ’11 लाख 60 हजार महिलाएं टॉप पर, मीटिंग अटेंड करने के लाख रुपए’

Meeting attend करने पर लाख रुपये, महिलाओं को ऐसे पद पर नहीं रखने पर 1000 रुपये रोज का जुर्माना। वित्त वर्ष 2023-24 में सितंबर तक 20 कंपनियों पर fine.

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निमिष कुमार   
Last Updated- December 17, 2024 | 8:43 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय कॉपोरेट कार्य राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने सदन में भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों, गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों और निजी कंपनियों में women directors की संख्या रखी। जिसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी कंपनियों में करीब 11 लाख 60 हजार महिला निदेशक हैं, जो कंपनियों के board में हैं, याने सरल शब्दों में कहें, तो किसी भी कंपनी के CEO से भी ऊपर। केंद्रीय मंत्री के अनुसार सिर्फ सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनियां में ही 8,672 महिलाएं कंपनी बोर्ड में निदेशक (Director) बनाई गई हैं, वहीं सार्वजनिक गैर सूचीबद्ध कंपनियां में कंपनी बोर्ड में निदेशक बनी महिलाओं की संख्या 46 हजार 939 हैं। यदि निजी कंपनियां (ओपीसी को जोड़कर) की बात करें, तो इन कंपनियों के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स में 11 लाख 11 हजार 40 महिलाएं हैं।

केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया कि कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनियों में विभिन्न स्तरों पर निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कंपनी अधिनियम, 2013 में कई प्रावधान जोड़े हैं, जिनके अनुसार कंपनी अधिनियम, 2013 (अधिनियम) की धारा 149 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के मुताबिक निर्धारित श्रेणी की कंपनियों में कम से कम एक महिला निदेशक होगी। इसके अतिरिक्त, कंपनी (निदेशक की नियुक्ति और योग्यता) नियम, 2024 के नियम 3 के अनुसार, प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनी और प्रत्येक अन्य सार्वजनिक कंपनी, जिसकी भुगतान शेयर पूंजी 100 करोड़ रुपये है या उससे अधिक या फिर उसकी सालाना कमाई 300 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, में कम से कम एक महिला निदेशक की नियुक्ति आवश्यक होती है। यदि कोई कंपनी अधिनियम के इस प्रावधान का अनुपालन नहीं कर पाती है, तो कंपनी और कंपनी का प्रत्येक अधिकारी जो अनुपालन नहीं करता है, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 172 के तहत दंड के प्रति उत्तरदायी है।

Meeting attend के लिए लाख रुपए :

डेलॉइट अध्ययन के अनुसार, निफ्टी 50 कंपनियों में महिला स्वतंत्र निदेशकों के पारिश्रमिक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो पिछले पांच वित्तीय वर्षों में दोगुना हो गया है, जबकि उनके पुरुष समकक्षों के लिए 1.7 गुना वृद्धि हुई है।

‘Independent Director Remuneration in India – Beyond the Headlines’ अध्ययन के मुताबिक महिला निदेशकों के लिए बोर्डरूम फीस में इजाफा हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र निदेशकों (Independent Directors) के पारिश्रमिक में वित्त वर्ष 19 और वित्त वर्ष 24 के बीच 11 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR)से वृद्धि हुई।

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भारी विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की कंपनियां अपने बढ़ते कारोबार, विदेशों से फैल रहे बिजनेस और कंपनी बोर्ड में विदेशी निदेशकों के चलते महिला निदेशकों के लिए बेहतर फीस ऑफर कर रहे हैं। एक स्वतंत्र निदेशक के पारिश्रमिक में आम तौर पर बोर्ड मीटिंग के लिए बैठने की फीस और कंपनी के प्रदर्शन से जुड़े कमीशन शामिल होते हैं। कंपनी अधिनियम के अनुसार meeting attend करने की फीस प्रति बैठक 1,00,000 रुपये निर्धारित की गई है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि बैठक एक मानक बोर्ड सत्र है या ऑडिट, नामांकन या पारिश्रमिक जैसी विशेष समिति की बैठक है।

कंपनी बोर्ड में बढ़ रही महिलाएं :

2024 में, महिला निदेशकों ने निफ्टी-50 कंपनियों में 22 प्रतिशत बोर्ड पदों पर कब्ज़ा किया, जो 2019 में 18 प्रतिशत था। प्रतिनिधित्व में इस वृद्धि ने पुरुष और महिला निदेशकों के बीच वेतन अंतर को कम करने में मदद की है, जैसा कि डेलॉइट अध्ययन में उल्लेख किया गया है।

हालांकि, अध्ययन में महिला निदेशकों की वास्तविक स्वतंत्रता के बारे में भी चिंता जताई गई है। समाना सेंटर फॉर जेंडर, पॉलिसी एंड लॉ की संस्थापक अपर्णा मित्तल ने बताया कि बड़ी संख्या में कंपनियाँ, महिला स्वतंत्र निदेशकों को बनाए रखती हैं क्योंकि भारत में कुछ प्रकार की कंपनियों के लिए अब बोर्ड में न्यूनतम संख्या अनिवार्य है। कई कंपनियों के लिए, यह आवश्यकता एक चेकबॉक्स अभ्यास बनी हुई है।

नहीं मिल रहीं Director Position के लिए महिलाएं :

कॉर्पोरेट क्षेत्र में ऐसे पदों के लिए उम्मीदवारों की खोज करने वाली कंपनियों के मुताबिक पिछले एक साल में स्वतंत्र निदेशक (independent director) पोजिशन के लिए उम्मीदवारों की भारी डिमांड है। बिजनेस कंसल्टिंग और सर्विसेज फर्म कॉर्न फेरी इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नवनीत सिंह ने बताया कि पिछले नौ महीनों में, हमने स्वतंत्र निदेशकों के लिए दो दर्जन से अधिक search पर काम किया है, जो पिछले साल की तुलना में कम से कम 50 प्रतिशत अधिक है। यह भारतीय कंपनियों के भीतर बढ़ती हुई तत्परता को दर्शाता है, क्योंकि 2,000 से अधिक स्वतंत्र निदेशक वित्त वर्ष 24 तक अपना कार्यकाल पूरा करने वाले हैं, जिससे उपयुक्त replacement के लिए बड़ी संख्या में खोज हो रही है, बावजूद इसके, सही उम्मीदवार को ढूंढना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

माइकल पेज में क्षेत्रीय निदेशक और प्रौद्योगिकी नियुक्ति के लिए भारत प्रमुख प्रांशु उपाध्याय ने बताया, “कई सीएक्सओ अब निदेशक के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए प्रमाणन कार्यक्रमों का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन कंपनियां ऐसे व्यक्तियों की तलाश कर रही हैं जो उनकी ब्रांड छवि को बढ़ा सकें।” उन्होंने आगे कहा कि इन पदों पर महिला उम्मीदवारों को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है।

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कंपनी बोर्ड में woman director नहीं, तो लगेगा जुर्माना :

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2018-19 से अपने बोर्ड में एक भी महिला निदेशक नियुक्त करने में विफल रहने वाली सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या में गिरावट आई है। सेबी (SEBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सितंबर तक 20 कंपनियों पर जुर्माना लगाया था, जबकि 2019-20 में यह संख्या 64 थी। महामारी के वर्षों वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में ऐसी सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या जो कम से कम एक महिला निदेशक नियुक्त नहीं कर सकी, क्रमशः 57 और 62 के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

कंपनी कानून के अनुसार, 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक की चुकता शेयर पूंजी या 300 करोड़ रुपये या उससे अधिक का कारोबार करने वाली प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनी और प्रत्येक गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी को अपने बोर्ड में कम से कम एक महिला निदेशक नियुक्त करना होगा। 30 सितंबर, 2018 से प्रभावी हुए सेबी के एक परिपत्र के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंजों को बोर्ड में महिला निदेशक रखने से संबंधित गैर-अनुपालन के मामले में जुर्माना लगाने या कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में रखे गए एक बयान में कहा गया है, “महिला निदेशकों सहित सभी निदेशकों से बोर्ड की बैठकों में पूरी तरह से भाग लेने की अपेक्षा की जाती है। यदि कोई निदेशक 12 महीने की अवधि के दौरान आयोजित सभी बोर्ड बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो निदेशक का पद रिक्त हो जाता है…”

First Published : December 17, 2024 | 7:16 PM IST