शिक्षा

In Parliament: कोचिंग सेंटर के झूठे वादे, 45 नोटिस, 60 लाख जुर्माना, 1 करोड़ 15 लाख की वसूली

सरकार ने नवंबर, 2024 में “कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2024” जारी किए हैं।

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निमिष कुमार   
Last Updated- December 17, 2024 | 8:45 PM IST

कोचिंग सेंटर चलानेवालों को अब सावधान रहना होगा, क्योंकि पैरेंट्स से उनके बच्चों के भविष्य को लेकर झूठे वादे करके हजारों-लाखों रुपये वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार ने बाकायदा दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने संसद में बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापन के लिए 45 कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किए हैं, 19 कोचिंग संस्थानों पर 61,60,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, और इन कोचिंग सेंटर को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं को बंद करने का निर्देश दिया है।

इतना ही नहीं विभिन्न कोचिंग सेंटरों द्वारा अनुचित व्यवहार, विशेषकर छात्रों/अभ्यर्थियों की नामांकन फीस वापस न करने के संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में दर्ज की गई अनेक शिकायतों के बाद, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH)ने प्रभावित छात्रों को कुल ₹ 1.15 करोड़ की राशि वापस करने की सुविधा प्रदान करने के लिए मिशन-मोड पर इन शिकायतों को हल करने के लिए एक अभियान शुरू किया।

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में पूछे एक संसदीय सवाल के लिखित जवाब में उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने बताया कि 13 नवंबर, 2024 को, CCPA ने कोचिंग सेंटरों को माल या सेवा की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए झूठे या भ्रामक दावे/विज्ञापन करने और भ्रामक या अनुचित व्यवहार में संलग्न होने से रोकने के लिए “कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2024” जारी किए हैं। उपभोक्ता मामले विभाग की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) देश भर के उपभोक्ताओं के लिए pre-litigation stage में उनकी शिकायत निवारण के लिए single point of access के रूप में उभरी है। उपभोक्ता देशभर से 17 भाषाओं में टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

निरस्त हुआ पुराना कानून, लागू है नया नियम

केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया कि वैश्वीकरण, प्रौद्योगिकियों, ई-कॉमर्स बाजारों आदि के नए युग में उपभोक्ता संरक्षण को नियंत्रित करने वाले ढांचे को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को निरस्त कर दिया गया और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू किया गया।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा-10 के तहत की गई है, ताकि उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित किया जा सके जो जनता और उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं, ताकि एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा दिया जा सके, उनकी रक्षा की जा सके और उन्हें लागू किया जा सके।

सिविल सर्विस, IITs सहित हर entrance exams की तैयारी करनेवालों के लिए ये है खास

ये शिकायतें एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (INGRAM), एक सर्व-चैनल आईटी सक्षम केंद्रीय पोर्टल पर विभिन्न चैनलों- व्हाट्सएप, एसएमएस, मेल, एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल, उमंग ऐप के माध्यम से अपनी सुविधानुसार दर्ज कराई जा सकती हैं। 1004 कंपनियां, जिन्होंने स्वेच्छा से एनसीएच के साथ भागीदारी की है, ‘कन्वर्जेंस’ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में इन शिकायतों का सीधे उनके निवारण प्रक्रिया के अनुसार जवाब देती हैं, और पोर्टल पर शिकायतकर्ता को फीडबैक प्रदान करके जवाब देती हैं। जिन कंपनियों ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के साथ भागीदारी नहीं की है, उनके खिलाफ शिकायतें निवारण के लिए कंपनी की ईमेल आईडी पर भेज दी जाती हैं।

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उपभोक्ता मामले विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC Civil Services), आईआईटी (IITs) और अन्य प्रवेश परीक्षाओं (entrance exams) के लिए नामांकित छात्रों और उम्मीदवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूर्व-मुकदमेबाजी चरण (pre-litigation stage)में सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया है।

First Published : December 17, 2024 | 5:18 PM IST