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तेल-गैस उत्पादन के लिए बोली का 10वां दौर शुरू

अधिकारियों का कहना है कि संसद में तेल क्षेत्र (विनियमन व विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पेश होने के कारण भारत इस बार विदेशी कंपनियों से बोली हासिल करना चाहता है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- February 11, 2025 | 10:52 PM IST

सरकार ने तेल व गैस संपत्तियों के अन्वेषण एवं उत्पादन के लिए बोली का 10वां दौर आज शुरू कर दिया। इसके साथ ही ओपन एकरेज लाइसेंस नीति (ओएएलपी-10) की शुरुआत हो गई।

यहां जारी इंडिया एनर्जी वीक समिट के दौरान शुरू किया गया बोलियों का यह दौर सबसे बड़ा है। इसमें 13 तलछटी बेसिन में 1.91 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले 25 ब्लॉकों के लिए बोली मंगाई गई है। इनमें 19 ब्लॉक तट से कुछ दूरी पर समुद्र के भीतर स्थित हैं। इससे पहले ओएएलपी के नवें दौर में 1.36 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल इलाके को बोलियों के लिए खोला गया था। अभी तक हुए नौ दौर में सरकार कुल 3.78 लाख वर्ग किलोमीटर में स्थित ब्लॉकों के लिए बोली मंगा चुकी है।

दसवें दौर में 12 ब्लॉक बहुत गहरे जल में हैं, 6 उथले जल क्षेत्र में और 1 ब्लॉक गहरे जल क्षेत्र में है। ओएएलपी-10 की शुरुआत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ब्रिटेन के ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री एडवर्ड मिलिबैंड, कतर के ऊर्जा मामलों के राज्य मंत्री साद शेरीदा अल-काबी तथा तंजानिया के उप प्रधान मंत्री दोतो मशाका बितेको की उपस्थिति में की।

अधिकारियों का कहना है कि संसद में तेल क्षेत्र (विनियमन व विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पेश होने के कारण भारत इस बार विदेशी कंपनियों से बोली हासिल करना चाहता है। यह विधेयक राज्य सभा के पिछले सत्र में पारित हो गया था और लोक सभा में अभी पारित होना है। इसमें खनन पट्टों से अलग पेट्रोलियम पट्टे प्रदान करने तथा उनका विस्तार करने पर स्थिति स्पष्ट की गई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की इजाजत दी गई है और उत्खनन एवं उत्पादन क्षेत्र के लिए नई विवाद समाधान व्यवस्था बनाई गई है। इससे भी ज्यादा अहम कारोबार के लिए ज्यादा सरल व्यवस्था लाना और मंजूरी की प्रक्रियाओं को सुगम बनाना है। शेवरॉन, एक्सॉनमोबिल और टोटालएनर्जीज जैसी दुनिया की तमाम दिग्गज कंपनियों की शिकायत थी कि ये प्रक्रियाएं उनके लिए चुनौती बढ़ाती हैं।

ओएएलपी-9 के लिए बोलियां पिछले साल जनवरी में खोली गई थीं और नए दौर का ऐलान एक साल से भी ज्यादा समय बाद हुआ है। ओएलएपी-9 के परिणाम की घोषणा अभी नहीं की गई है। इसमें किसी विदेशी कंपनी ने हिस्सा नहीं लिया था।

भारत की उम्मीदें

इस दौर से बहुत उम्मीदें लगी हुई हैं। ओएलएपी की 9 दौर की बोलियों के बावजूद भारत में 2023-24 में 2.94 करोड़ टन तेल उत्पादन ही हुआ, जो 1999-2000 के 3.2 करोड़ टन से कम है। बॉम्बे हाई जैसे तेल क्षेत्र पुराने पड़ गए हैं और नए बड़े भंडारों की खोज में कम सफलता मिली है। इस कारण 2011 के बाद उत्पादन घटा है और हर साल 3-3.5 करोड़ टन उत्पादन ही होता रहा है।

उद्योग से जुड़े देसी-विदेशी भागीदारों ने सीमित भंडार, पुराने होते बुनियादी ढांचे और अन्वेषण की ऊंची लागत को चुनौती बताया है। भारत में लगभग 33.6 लाख वर्ग किमी इलाका तलछट का होने का अनुमान है, जिसमें 26 तलछटी बेसिन शामिल हैं। इसमें से 16.3 लाख वर्ग किमी जमीन पर, 4.1 लाख वर्ग किमी तट से 400 मीटर दूरी तक छिछले क्षेत्र में और 13.2 लाख वर्ग किमी 400 मीटर से आगे गहरे जल क्षेत्र में है।

First Published : February 11, 2025 | 10:52 PM IST