बीएस बातचीत
भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन होने वाली पहली इलेक्ट्रिक कार रेवा (अब महिंद्रा के स्वामित्व में) को तैयार करने वाले चेतन मैनी ने करीब साढे तीन साल पहले सन मोबिलिटी की स्थापना की थी। यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचा और सेवा प्रदान करती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान उनकी कंपनी ने वाहनों के लिए स्मार्ट बैटरी और एक अनोखी बैटरी स्वैपिंग अवधारणा विकसित की है। सन मोबिलिटी के सह-संस्थापक एवं वाइस चेयरमैन मैनी ने टीई नरसिम्हन से बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने पर कोविड का क्या प्रभाव पड़ा है?
वास्तव में कंपनियों- ओईएम (मूल उपकण विनिर्माता), टियर-1 एवं बुनियादी ढांचे- के निवेश की रफ्तार थोड़ी सुस्त पड़ गई है क्योंकि उनकी बिक्री भी कम हो गई है। लेकिन सरकार के प्रोत्साहन, बी2बी कारोबारियों द्वारा इसे अपनाए जाने और साझेदारों की संख्या में वृद्धि के कारण उम्मीद की किरण दिख रही है। इन सब से इलेक्ट्रिक वाहन की स्वीकार्यता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट आदि ई-कॉमर्स कंपनियों ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान बढ़ाने जा रही हैं और वे अपनी चरणबद्ध योजनाओं को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ा रही हैं। वैश्विक महामारी के बीच सरकार ने भी अपनी ओर से महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। हाल में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि इन वाहनों को बिना बैटरी के भी बेचा जा सकता है। साथ ही मंत्रालय ने चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए ऊर्जा पर एक नोट भी जारी किया है।
आपने कहा कि सभी उपकरणों के लिए जीएसटी को समान बनाने की आवश्यकता है। इलेक्ट्रिक वाहन की स्वीकार्यता को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दे क्या हैं?
बैटरी पर जीएसटी की दर 18 फीसदी है लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन के लिए महज 5 फीसदी। चार्जर के लिए जीएसटी 5 फीसदी है लेकिन चार्जिंग अथवा स्वैपिंग के लिए 18 फीसदी। जीएसटी को एकसमान 5 फीसदी रखना चाहिए। सरकार ने इसे माना है और अब इसे लागू करने की जरूरत है। एक अन्य मुद्दा यह है कि नीतियों की घोषणा करते समय हमें दिशानिर्देशों और व्यवस्थाओं पर काम करने की आवश्यकता है।
ऐसा होने पर आपको मांग कहां से आती दिख रही है?
डिलिवरी के लिए मांग काफी अधिक है, बसों के लिए निविदाएं अब आने लगी हैं। दोपहिया वाहनों की रफ्तार भी बढऩे लगी है। हालांकि कार की रफ्तार थोड़ी सुस्त होगी लेकिन ग्राहकों के लिए तमाम उत्पाद और विकल्प मौजूद होंगे। डिलिवरी के लिए- तिपहिया एवं दोपहिया वाहन- कंपनियां अपने बेड़े मेंं 30 से 40 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन को शामिल करने की योजना बना रही हैं।
सन मोबिलिटी की स्थापना के करीब साढे तीन साल हो चुके हैं। अब तक का सफर कैसा रहा?
हमारा ध्यान दोपहिया, तिपहिया वाहनों और बसों पर है जिनका देश के कुल मोटर वाहन में 61 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने स्मार्ट बैटरी, तुरंत बैटरी बदलने वाले स्टेशन, स्मार्ट नेटवर्क और प्लग-एन-प्ले डॉक विकसित किए हैं। हमने प्रौद्योगिकी विकसित की है और उसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। साथ ही हमने करीब 10 ओईएम के साथ करार किया है ताकि उसका उत्पादन बड़े पैमाने पर हो सके। हमने बैटरी सिस्टम के लिए आंतरिक विनिर्माण केंद्र स्थापित किया है। सेल के अलावा हमने सबकुछ स्वदेशी बनाया है।
अब तक हमारे समाधान ने ई-तिपहिया, ई-दोपहिया और ई-बस के जरिये 23 लाख उत्सर्जन मुक्त किलोमीटर के सफर को संचालित किया है और 1,60,000 से अधिक ट्रिप को समर्थ बनाया है। अगले तीन से पांच वर्षों में हम अपने प्लेटफॉर्म पर कम से कम 10 लाख वाहनों का लक्ष्य रखा है। हम अपनी मौजूदगी को 20 शहरों से बढ़ाकर 30 से 40 शहरों तक करना चाहते हैं।
बॉश और आईओसी के साथ हालिया साझेदारी से आपको कितनी मदद मिलेगी?
बॉश के पास लंबा अनुभव और प्रौद्योगिकी है। हमें उससे प्रौद्योगिकी एवं संसाधन हासिल करने में मदद मिलेगी। आईओसी के साथ साझेदारी से हमें बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने में मदद मिलेगी क्योंकि वह अपने पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए यह सुविधा उपलब्ध करा सकती है।
क्या आप रकम जुटाने के लिए योजना बना रहे हैं?
हम लगातार रकम जुटाने की संभावनाएं तलाशते रहते हैं क्योंकि हम एक परिसंपत्ति आधारित कंपनी है और इसलिए हमें काफी निवेश करने की जरूरत है। हम लंबी अवधि के वित्तीय साझेदार तलाश रहे हैं क्योंकि यह एक तरह से निवेश द्वारा संचालित परियोजना है।