अथॉरिटी आफ एडवांस रूलिंग (एएआर) गुजरात ने वाडीलाल उद्योग द्वारा बेचे जाने वाले फ्लेवर्ड मिल्क पॉवर सिप को आदेश दिया है कि उस पर 12 प्रतिशत की दर से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगेगा, न कि 5 प्रतिशत, जैसा कि कंपनी ने मांग की है।
यह कर्नाटक एएआर की रूलिंग के विपरीत है, जहां पहले नियम बनाया गया था कि फ्लेवर्ड मिल्क 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में होगा। केपीएमजी में पार्टरन हरप्रीत सिंह ने कहा कि अब सरकार को इस मसले पर स्थिति साफ करने की जरूरत है।
वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने मांग की थी कि प्लेवर्ड मिल्क को कस्टम्स टैरिफ हेडिंग (सीटीएच) 0402 (दूध में चीनी या अन्य कोई मिठास घुली हो) या सीटीएच 0404 (उत्पाद प्राकृतिक दूध से बना हो, चाहे उसमें चीनी या अन्य मिठास वाली चीज मिली हो या नहीं) के तहत रखा जाना चाहिए, जिन पर 5 प्रतिशत कर लगता है।
कंपनी का तर्क था कि दूध में फ्लेवर मिलाए जाने से दूध का मूल चरित्र नहीं बदलता क्योंकि इसमें 90 प्रतिशत दूध हीहोता है। कंपनी ने कहा कि फ्लेवर्ड मिल्क दूध का विकल्प है। बहरहाल गुजरात एएआर ने कहा कि फ्लेवर्ड मिल्क दूध का ही एक रूप है, लेकिन यह उत्पाद खपत के लिए तैयार पेय के रूप में बनाया गया है, इसलिए यह सीटीएच 2202 99 30 (बेवरिज, जिसमें दूध मिला है) के तहत आता है, जिस पर 12 प्रतिशत कर लगता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति वैश्विक मानकों के अनुरूप : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति न सिर्फ अत्याधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप है बल्कि यह जितनी व्यवहारिक है, इसका क्रियान्वयन भी उतना ही व्यवहारिक है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ की 95वीं वार्षिक बैठक और कुलपतियों की राष्ट्रीय संगोष्ठी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों के समान अधिकार से ही समाज में समरसता आती है और देश प्रगति करता है। उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के भारतीय चरित्र पर जोर देते थे। आज के वैश्विक परिदृश्य में यह बात और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लगातार विशेषज्ञों से चर्चा करता रहा हूं। यह जितनी व्यावहारिक है, इसका क्रियान्वयन भी उतना ही व्यवहारिक है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हर छात्र की अपनी एक सामथ्र्य होती है। भाषा