facebookmetapixel
Dmart Share Price: Q2 में 4% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% टूटा; निवेशक होल्ड करें या बेच दें?क्या सोना-चांदी में अब मुनाफा बुक करने का सही समय है? एक्सपर्ट ने बताई मालामाल करने वाली स्ट्रैटेजीसोना ऑल टाइम हाई पर, चांदी ने भी बिखेरी चमक; खरीदारी से पहले चेक करें आज के भावTata Capital IPO की सपाट लिस्टिंग, ₹330 पर लिस्ट हुए शेयर; क्या अब खरीदना चाहिए?चांदी में निवेश का अच्छा मौका! Emkay का अनुमान- 1 साल में 20% उछल सकता है भावइस साल सोना 65 बार पहुंचा नई ऊंचाई पर, निफ्टी रह गया पीछे; फिर भी निवेशकों के लिए है बड़ा मौकाRobert Kiyosaki ने निवेशकों को किया सचेत, कहा- 2025 का सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्रैश आने वाला हैशॉर्ट-टर्म मुनाफा के लिए ब्रोकरेज ने सुझाए ये 3 स्टॉक्स, ₹1,500 तक के टारगेट सेट₹450 टच करेगा ये ज्वेलरी स्टॉक, दिवाली से पहले BUY का मौका; ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज₹1,300 से लेकर ₹1,470 तक के टारगेट, ब्रोकरेज को इन दो तगड़े स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउट

यूपी ने नहीं बढ़ाया गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य, किसान नाखुश

चीनी मिलों ने कहा था कि 2024-25 सत्र में रिकवरी में 0.3 से 1 प्रतिशत तक की तेज गिरावट आई है, जिससे उत्पादन लागत औसतन 140 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई है।

Last Updated- February 18, 2025 | 11:04 PM IST
Sugarcane

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में कोई बदलाव नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि शुरुआती किस्म के लिए कीमत 370 रुपये प्रति क्विंटल बरकरार रखी गई है। सामान्य किस्म के गन्ने का एसएपी भी 360 रुपये क्विंटल पूर्ववत रखा गया है। चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

एसएपी वह दर होती है, जिस भाव पर राज्य की चीनी मिलें अनिवार्य रूप से किसानों को गन्ने का भुगतान करती हैं। यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड ने अपना अलग मूल्य तय कर रखा है, जिसे एसएपी कहा जाता है।

किसान संगठनों ने गन्ने के दाम यथावत रखे जाने पर नाराजगी जताई है। वे एसएपी कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग कर रहे थे। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष भारती ने कहा कि इससे किसान कर्ज में आ जाएंगे और इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। कुछ दिन पहले यूपी की निजी चीनी मिलों ने राज्य सरकार से संपर्क कर एसएपी न बढ़ाने का अनुरोध किया था।

सूत्रों ने कहा कि चीनी मिलों ने कहा था कि 2024-25 सत्र में रिकवरी में 0.3 से 1 प्रतिशत तक की तेज गिरावट आई है, जिससे उत्पादन लागत औसतन 140 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई है।

First Published - February 18, 2025 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट