Turmeric Export: सरकार हल्दी निर्यात को बढ़ावा दे रही है। जिसका असर दिखने लगा है। बीते कुछ वर्षों के दौरान हल्दी निर्यात बढ़ रहा है। हल्दी के वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। भारतीय हल्दी के प्रमुख आयातक देशों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, मलेशिया और मोरक्को शामिल हैं। हल्दी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का भी गठन किया है।
बीते कुछ वर्षां के दौरान भारतीय हल्दी की वैश्विक हल्दी निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ी है। 2021 में हल्दी का वैश्विक निर्यात 36.77 करोड़ डॉलर रहा और इसमें 22.55 करोड़ डॉलर निर्यात के साथ भारत की हिस्सेदारी 61 फीसदी थी। 2024 में यह हिस्सेदारी बढ़कर 66 फीसदी हो गई है। 2024 में हल्दी का कुल वैश्विक निर्यात 50.27 करोड़ डॉलर दर्ज किया गया, जिसमें भारत का हल्दी निर्यात 33.32 करोड़ डॉलर था।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में देश से 1,83,868 टन हल्दी का निर्यात हुआ था। इसके अगले वर्ष 2021-22 में यह गिरकर 1,52,758 टन रह गया। लेकिन इसके बाद बीते दो वित्त वर्ष से हल्दी के निर्यात में इजाफा हो रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1,62,019 टन हल्दी निर्यात हुई और इसके अगले वर्ष 2024-25 में हल्दी का निर्यात बढ़कर 1,76,325 टन हो गया। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि में 34,162 टन हल्दी का निर्यात हो चुका है, जो पिछली समान अवधि की तुलना में 8.37 फीसदी अधिक है।
बीते वर्षों में हल्दी निर्यात के मामले में महाराष्ट्र अव्वल रहा है। बीते 5 साल के दौरान राज्य ने हल्दी निर्यात में तेज वृद्धि की है और इसका निर्यात बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में महाराष्ट्र से 7.82 करोड़ डॉलर मूल्य का हल्दी निर्यात हुआ था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 15.53 करोड़ डॉलर हो गया।
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हल्दी उत्पादन के प्रमुख राज्यों से इसका निर्यात बढ़ा है। लेकिन कर्नाटक से इसका निर्यात बीते 5 साल में तेजी से गिरा है। कर्नाटक से वित्त वर्ष 2020-21 में 2.71 करोड़ डॉलर मूल्य की हल्दी निर्यात हुई थी, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसका निर्यात घटकर महज 56.8 लाख डॉलर रह गया। जाहिर है इस राज्य से 5 साल में हल्दी निर्यात में 4 गुना से अधिक कमी आई है।