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राजस्थान के नगीनों की चमक फीकी करेगा अमेरिकी टैरिफ! नए बाजार तलाशने की तैयारी

भारत से आयात होने वाले माल पर 50 फीसदी शुल्क लगाने के अमेरिकी फैसले से राजस्थान के रत्न एवं आभूषण कारोबार को भी झटका लगने की आशंका है।

Published by
अनिल शर्मा   
Last Updated- August 11, 2025 | 10:48 PM IST

भारत से आयात होने वाले माल पर 50 फीसदी शुल्क लगाने के अमेरिकी फैसले से राजस्थान के रत्न एवं आभूषण कारोबार को भी झटका लगने की आशंका है। यह राज्य और खास तौर पर जयपुर रंगीन नगीनों और हीरों से जड़े आभूषणों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। मगर कारोबार के जानकारों के मुताबिक ट्रंप शुल्क ने तस्वीर बदल दी है, जिसकी वजह से राजस्थान के रत्न एवं आभूषण व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई के लिए नए बाजार तलाशने शुरू कर दिए हैं।

अनुमान है कि 2024-25 में राजस्थान से 17,675 करोड़ रुपये से अधिक के रत्न-आभूषणों का निर्यात किया गया। इसमें से लगभग 3,154 करोड़ रुपये का माल अमेरिका गया। जयपुर के आभूषण निर्यातक विजय चोरडिया ने कहा कि ट्रंप शुल्क का सबसे बड़ा असर यहां रत्न-आभूषण कारोबार पर ही पड़ेगा और ऑर्डर रोकने पड़ेंगे।

उन्होंने कहा, ‘बदले माहौल में हमें अमेरिका को रत्न-आभूषण निर्यात करने में दिक्कत होगी। इसीलिए हम अमेरिका से शुल्क पर दोबारा विचार करने का अनुरोध कर रहे हैं। इस बीच हालात को भांपकर रत्न-आभूषण निर्यातकों ने नए बाजार तलाशने शुरू कर दिए हैं, लेकिन नई जगहों पर कारोबार जमाने में काफी वक्त लगेगा।’

चोरडिया ने कहा कि दुनिया भर में रत्न-आभूषण बाजार बढ़ाने की बड़ी संभावनाएं हैं क्योंकि ऐसे कई देश हैं, जहां अभी यह कारोबार बहुत कम है। ऐसे बाजारों में दाखिल होने की तैयारी शुरू हो चुकी है। अमेरिका जाने वाले माल में जो गिरावट आएगी उसकी भरपाई नए बाजारों से की जा सकती है, लेकिन इसमें वक्त लगेगा। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी शुल्क ने कुछ समय के लिए ही सही, हमारे कारोबार को झटका तो दिया है।’

जयपुर सराफा कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने कहा कि राजस्थान के आभूषण व्यापारी अमेरिकी शुल्क से हैरान तो हैं मगर ज्यादा परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में भारतीय आभूषणों की अच्छी मांग है, लेकिन देखना यह है कि वहां के ग्राहक शुल्क लगने की वजह से बढ़े हुए दाम पर इन्हें खरीदने के लिए तैयार होंगे या हमें मांग में कमी झेलनी पड़ेगी।’

अमेरिका से राजस्थान को रत्न-आभूषण ही नहीं जाते बल्कि यहां से वह संगमरमर, ग्रेनाइट, इंजीनियरिंग और विनिर्माण सामग्री, हस्तशिल्प, परिधान एवं वस्त्र जैसे उत्पादों का भी आयात करता है।

First Published : August 11, 2025 | 10:23 PM IST