त्योहारों के नजदीक आते ही दिल्ली की खोया मंडियों में रौनक के साथ-साथ कीमतें भी परवान चढ़ने लगती है।
दिल्ली में मोरी गेट स्थित खोया मंडी के थोक विक्रेताओं ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल के त्योहारी सीजन की अपेक्षा इस बार खोया की थोक कीमतों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। खास बात यह कि कीमतों में ये बढ़ोतरी पिछले दो महीनों के भीतर हुई है।
एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समिति) के मुताबिक, खोये की थोक कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह मांग की अपेक्षा कम आपूर्ति है। सिंतबर में खोये की आपूर्ति अगस्त की अपेक्षा लगभग 35 फीसदी तक कम रही है। यही हाल अगर इस महीने भी रहता है तो दीवाली तक खोये की थोक कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।
इस समय, बाजार में धाप और पिंडी दो प्रकार के खोया उपलब्ध हैं। इस समय धाप की कीमत 9,000 से 10,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही है जबकि पिंडी की कीमत 11,000 से 12,500 प्रति क्विंटल के बीच है। खोया व्रिकेताओं ने बताया कि खोया की थोक कीमतों में जिस तरह की बढ़ोतरी हो रही है उस हिसाब से फुटकर विक्रेताओं को लाभ नहीं हो पा रहा है।
पिछले साल इस समय खोया की थोक कीमत 85-90 रुपये प्रति किलो थी जबकि इसकी खुदरा कीमत 150 से 170 रुपये के बीच चल रही थी। इस बार खोया की थोक कीमत 100 रुपये प्रति किलो के आसपास है। इसकी खुदरा कीमत भी 100 से 110 रुपये के पास है। इसके चलते पिछली बार की अपेक्षा कारोबारियों के लाभ में 50 से 60 फीसदी की कमी आई है।