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रुपये में आई 3 सप्ताह में एक दिन की सबसे तेज गिरावट

RBI के ऑफशोर कॉन्ट्रैक्ट निपटान के बाद 87.21 पर बंद

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- February 25, 2025 | 10:56 PM IST

रुपये में 3 फरवरी के बाद एक दिन की सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई है। डीलरों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने करीब 5 अरब से 6 अरब डॉलर के बीच ऑफशोर फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स का निपटान किया, जो मंगलवार को खत्म होने वाला था। इसका असर रुपये पर पड़ा है। रुपये में करीब 50 पैसे या 0.58 प्रतिशत की गिरावट आई है और डॉलर के मुकाबले यह 87.21 रुपये पर बंद हुआ। इसके पहले 86.71 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

चालू वित्त वर्ष में अब तक रुपये में 4.31 प्रतिशत की गिरावट आई है। चालू कैलेंडर वर्ष में डॉलर के मुकाबले रुपया 1.81 प्रतिशत कमजोर हुआ है। आईएफए ग्लोबल में मुख्य कार्याधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘नॉन डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) मार्केट में एक्सपायरी होने वाली थी, जिसके दबाव में रुपया कमजोर हुआ है। यह एक्सपायरी करीब 5 से 6 अरब डॉलर की थी। फ्यूचर्स एक्सपायरी करीब 2.6 अरब डॉलर की थी, शेष एनडीएफ थी।’

पिछले 3 सप्ताह से रुपया स्थिर था। रिजर्व बैंक ने 10-11 फरवरी को बाजार में भारी हस्तक्षेप करते हुए करीब 12 अरब से 14 अरब डॉलर हाजिर बाजार में बेचे थे। गोयनका ने कहा, ‘रिजर्व बैंक हस्तक्षेप कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और रुपया और कमजोर हुआ। इसकी वजह यह है कि भारत को छोड़कर वैश्विक रूप से डॉलर मजबूत नहीं था।’

मंगलवार को एशिया की मुद्राओं में थाई बात के बाद रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। डॉलर के मुकाबले बात 0.60 प्रतिशत गिरा है। फरवरी में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपया 0.68 प्रतिशत गिरा है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर के अंत तक फॉरवर्ड मार्केट में केंद्रीय बैंक की शुद्ध बिकवाली 67.9 अरब डॉलर थी। अक्टूबर में केंद्रीय बैंक की बिकवाली बढ़कर 49 अरब डॉलर हो गई थी, जो उसके पहले महीने में 15 अरब डॉलर थी। नवंबर में बिक्री 59 अरब डॉलर थी। जनवरी के अंत तक यह बढ़कर 80 से 85 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है।

बाजार के हिस्सेदारों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने हाजिर बाजार में हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे रुपये पर दबाव और बढ़ गया। एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने कॉन्ट्रैक्ट को आगे नहीं बढ़ाया, जो आज (मंगलवार को) मैच्योर हो रहा था। साथ ही हाजिर बाजार में भी नहीं उतरा।’ उन्होंने कहा, ‘आयातकों की ओर से डॉलर की मांग थी यह उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक आगामी कॉन्ट्रैक्ट्स को भी स्वीकार करेगा इसकी वजह से हेजिंग को भी बढ़ावा मिल रहा है।’

First Published : February 25, 2025 | 10:56 PM IST