सड़क और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी | फाइल फोटो
सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज बताया कि सभी तटीय राज्यों के बंदरगाहों को जोड़ने का कार्य पूरी गति से जारी है। इसके लिए 2030 तक एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।
गडकरी ने यहां उद्योग के एक कार्यक्रम में बताया, ‘हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ आधारभूत ढांचा है। हम प्रमुख आधारभूत ढांचे की उपलब्धियों में विशेषीकृत बंदरगाहों को जोड़ने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। इस क्रम में 2,700 किलोमीटर से अधिक की दूरी से अधिक की आधारभूत संरचनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।’ उन्होंने बताया कि सड़क और राजमार्ग पर हर 100 रुपये के निवेश पर देश की अर्थव्यवस्था में करीब 321 रुपये जुड़ते हैं। लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तेजी से बढ़ने में बेहतर राजमार्ग करते हैं और नौकरियों के सृजन में भी मदद मिलती है। गडकरी ने बताया, ‘हम 25 नए एक्सप्रेस वे की स्थापना कर रहे हैं। इनकी लंबाई 10,000 किलोमीटर है और इनकी लागत 5 लाख करोड़ रुपये है। इस क्रम में कई परियोजनाएं धार्मिक पर्यटन से जुड़ी हुई हैं और इनके निवेश में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।’
मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में भीड़भीड़ कम करने की योजना में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इस क्रम में 1 लाख करोड़ की लागत की योजनाओं पर कार्य जारी है।
उन्होंने बताया, ‘हम गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। इसकी लंबाई 12.4 किलोमीटर है और इसकी लागत 4,000 करोड़ रुपये है। इससे यात्रा का समय घटकर 3 घंटे हो जाएगा।’
गडकरी ने बताया कि सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना 12.9 किलोमीटर की है। इससे यात्रा का समय 8 से 9 घंटे से घटकर 36 मिनट रह जाएगा। इसे 4,500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना है।
उन्होंने बताया कि भारत में अच्छी गुणवत्ता के राजमार्ग के कारण लॉजिस्टिक्स की लागत 5 प्रतिशत घट गई है। इससे फैक्टरी से ग्राहकों तक की लागत में 1.4 प्रतिशत की कमी आई है और कुल माल ढुलाई का समय 5.2 प्रतिशत कम हुआ है। लॉजिस्टिक्स की लागत घटने से देश की अर्थव्यवस्था में ईंधन की बचत 8 से 10 प्रतिशत होती है।