महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष का गन्ना कटाई सत्र 15 नवंबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए चीनी मिलों और चीनी आयुक्तालय को तैयारी शुरु करने के निर्देश जारी किये गए हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्री समिति की बैठक में सर्वसम्मति से पेराई सीजन शुरू करने की तारीख 15 नवंबर तय की गई है।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गन्ने का क्षेत्रफल कम हुआ है और चीनी मिलों को परिपक्व गन्ने की आपूर्ति और अच्छी रिकवरी के लिए गन्ना सत्र शुरू करने के लिए सर्वसम्मति से 15 नवंबर की तारीख तय की गई है।
पेराई सीजन 2023-24 में महाराष्ट्र में एक नवंबर से गन्ना पेराई शुरु की गई थी, महाराष्ट्र की चीनी मिलों को उम्मीद है कि इस साल भी राज्य सरकार चीनी मिलों को नवंबर के पहले सप्ताह से पेराई सीजन शुरू करने की इजाजत दे देगी। गन्ने की रिकवरी गन्ना तोड़ने की अवधि के आधार पर कम या ज्यादा होगी। इसका रेट गन्ने की रिकवरी पर निर्भर करता है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 में गन्ने के रस, शुगर सिरप, बी-हैवी, सी-हैवी गुड़ से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति दे दी है। इसके अलावा गन्ने के रस बी-हैवी शीरे से रेक्टिफाइड स्पिरिट और एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल के उत्पादन की भी अनुमति दी गई है, जिसके अनुसार राज्य में कार्रवाई की जाएगी।
चीनी उद्योग से संबंधित डिस्टिलरी परियोजनाओं में रेक्टिफाइड स्पिरिट और ईएनए अल्कोहल पर शुल्क और चीनी उद्योग से जुड़ी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर चर्चा की की गई। शुगर कॉम्प्लेक्स मेंटेनेंस फंड में 50 पैसे प्रति टन की कटौती को मंजूरी दे दी गई है।
गन्ने के रस से बने खांडसारी और गुड़ उत्पादों की मांग के पंजीकरण और लाइसेंस के संबंध में चर्चा की गई। खांडसारी उद्योगों को मान्यता एवं उत्पादन लाइसेंस देने की नीति तथा गुड़ उत्पादन संयंत्रों को गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के क्रियान्वयन के संबंध में नियुक्त चीनी आयुक्त की अध्यक्षता में अध्ययन समूह की रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है।
गन्ना पेराई सीजन के लिए आने वाले गन्ना मजदूरों के लिए एक डेटाबेस बनाने की योजना तैयार की गई है। महाराष्ट्र में पेराई सीजन 15 नवंबर को शुरू होकर अगले तीन- चार महीने तक चलेगा है। प्रशासन ने चीनी मिलों को श्रमिकों के नाम, संपर्क नंबर, आधार नंबर, उम्र और लिंग जैसे विवरण इकट्ठा करने का निर्देश दिया है।
कोल्हापुर के जिलाधिकारी अमोल येगडे ने कहा कि गन्ना काटने वालों को चिकित्सा जांच, आवश्यक दवाएं और राशन के साथ पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने मिलों से बच्चों के लिए बालसंस्कार गृह-अस्थायी स्कूल-स्थापित करने के लिए भी कहा। प्रशासन द्वारा बच्चों को उनके मूल स्थान से शिक्षा गारंटी कार्ड प्रदान किया जाता है।
महाराष्ट्र चीनी आयुक्तालय के मुताबिक सीजन 2023-24 में कुल मिलाकर 207 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया था। जिसमें 103 सहकारी एवं 104 निजी चीनी मिलें शामिल थी। चीनी सीजन 2023-24 के दौरान चीनी मिलों में 1073.08 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी।
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 में 110.17 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि 2022-23 में 105.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में उत्पादन के हिसाब से कोल्हापुर विभाग में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन हुआ जबकि सबसे कम चीनी का उत्पादन नागपुर इलाके में हुआ।