देश में चालू चीनी सीजन में इसके उत्पादन में कमी देखी जा रही है। चीनी के उत्पादन में 15 जनवरी तक 7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई और इस समय तक इसका उत्पादन चालू सीजन के उत्पादन अनुमान के आधे के करीब पहुंच गया है। चीनी उत्पादन के मामले में 51 लाख टन उत्पादन के साथ महाराष्ट्र अग्रणी राज्य बना हुआ है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) के आंकड़ों के मुताबिक चालू चीनी सीजन वर्ष 2023—24 में अक्टूबर से 15 जनवरी तक 148.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो पिछली समान अवधि के 160 लाख टन उत्पादन से 7.06 फीसदी कम है।
इस सीजन में इस दौरान औसत रिकवरी 9.51 फीसदी रही, जो पिछली समान अवधि की औसत रिकवरी 9.52 फीसदी से मामूली कम है। इस सीजन में अब तक 509 मिलों में 1,563 लाख टन गन्ने की पेराई हुई, जबकि पिछली समान अवधि में 519 चीनी मिलों में 1,681 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी।
सीजन 2023—24 में 305.50 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो पिछले सीजन के 330.90 लाख टन से कम है। इस सीजन में अब तक 148.70 लाख टन उत्पादन हो चुका है। जाहिर है इस सीजन में अब तक उत्पादन अनुमान के आधे के करीब चीनी उत्पादन का आंकड़ा पहुंच चुका है।
NFCSF के अनुसार 15 जनवरी तक हुए 148.70 लाख टन उत्पादन में सबसे ज्यादा 51 लाख टन उत्पादन महाराष्ट्र में हुआ है। उत्तर प्रदेश 46.10 लाख टन उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर है। इसके बाद 31 लाख टन कर्नाटक में, 4.70 लाख टन गुजरात में और 3.35 लाख टन बिहार में चीनी का उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 197 चीनी मिलों में गन्ने 548.39 लाख टन पेराई हुई। रिकवरी के मामले में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से आगे है।
उत्तर प्रदेश में औसत रिकवरी 9.90 फीसदी है, जबकि महाराष्ट्र में यह 9.30 फीसदी है। महाराष्ट्र में इस सीजन में 90 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है और 15 जनवरी तक इस अनुमान के आधे से ज्यादा उत्पादन हो चुका है। उत्तर प्रदेश में इस सीजन के 115 लाख टन उत्पादन अनुमान का 40 फीसदी ही उत्पादन अब तक हुआ है।