सरकार ने आज स्टील उत्पादकों से कहा है कि अगर वैश्विक बाजार में स्टील की कीमतों में नरमी का रुख आगे भी जारी रहता है तो वे कीमतों को कम करें।
स्टील सचिव पी के रस्तोगी ने कहा, ‘स्टील के वैशिक कीमतों में पहले ही नरमी आई हुई है और अगर भविष्य में भी कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहता है तो घरेलू मूल्यों में भी कमी आनी चाहिए।’ वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में कमी आई है, खास तौर से बुनीयादी ढांचा क्षेत्र की मांग कम होने से कीमतों में कमी आई है।
स्टील अथॅरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष एस के रुंगटा ने कहा, ‘स्टील के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों का अंतर कम हुआ है। अभी कीमतें बराबरी पर नहीं आई हैं। अगर कीमतों के बीच का अंतर और कम होता है तो हम अपनी कीमतें घटाने पर विचार कर सकते हैं।’
घरेलू स्टील उत्पादकों ने पिछले तीन महीनों से कीमतों में परिवर्तन नहीं किया था ताकि सरकार को लगातार बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिल सके। रस्तोगी ने कहा कि उत्पादकों ने स्टील की कीमतों को अपरिवर्तित रखा है। उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो सरकार इसमें दखल करेगी। उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास विकल्प हैं। अगर मूल्यों में बढ़ोतरी होती है तो हम मामले की जांच करेंगे।’ दीर्घावधि के आपूर्ति करार के मुद्दे पर रस्तोगी ने कहा कि सरकार स्टील उत्पादकों और खनन कारोबारियों के बीच दीर्घावधि का करार चाहती है।