facebookmetapixel
भारत में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध, ‘जीरो-ट्रस्ट मॉडल’ बनेगा BFSI सेक्टर की ढालयोगी सरकार की बड़ी पहल, बुंदेलखंड को मिलेगा अपना एयरपोर्ट; बीडा बनेगा यूपी का नया औद्योगिक हबअमेरिकी टैरिफ का विकल्प खोजने में लगे कपड़ा कारोबारीMaharashtra: सोयाबीन, मूंग और उड़द की MSP पर खरीद शुरू; किसानों के लिए पंजीकरण खुलेसबसे बुरा दौर अब पीछे छूटा, लेकिन माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए लिक्विडिटी सपोर्ट बेहद जरूरीITC Q2 Results: सितंबर तिमाही में मुनाफा मामूली बढ़कर ₹5186 करोड़, रेवेन्यू में हल्की गिरावटवेडिंग सीजन में जमकर होगी खरीदारी, 46 लाख शादियों से ₹6.50 लाख करोड़ के कारोबार का अनुमानट्रंप ने दी भारत को बड़ी राहत, चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से मिली 6 महीने की छूटCBDC लॉन्च करने की जल्दी नहीं, प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर जारी रहेगा सख्त रुख: RBI डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर₹88 का लेवल टच करेगा Navratna PSU Stock! Q2 नतीजों के बाद मोतीलाल ओसवाल ने दी BUY की सलाह

डॉलर के मुकाबले रुपया 40 पैसे टूटा

Last Updated- December 11, 2022 | 4:46 PM IST

सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई। डीलरों ने कहा कि अमेरिका में नौकरियों के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने और फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में आक्रामक रूप से बढ़ोतरी की आशंका के कारण रुपया टूटा है।
 
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले  आज घरेलू मुद्रा 79.65 पर बंद हुई, जबकि इसके पहले 79.25 पर बंद हुई थी। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक रुपये में डॉलर के मुकाबले 6.7 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
 
इंडियन ट्रेडिंग हाउस की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में पहले के महीने में 5,28,000 नौकरियां जुड़ी हैं और बेरोजगारी की दर 50 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
 
अमेरिका में आर्थिक गतिविधियां मजबूती से बढ़ रही हैं, ऐसे में फेडरल रिजर्व दरों में तेज बढ़ोतरी का विकल्प चुन सकता है, जिससे विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 40 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई पर काबू पाया जा सके।
 
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जिसमें अमेरिकी मुद्रा की तुलना 6 प्रतिस्पर्धी मुद्राओं से होती है,  भारतीय समय के मुताबिक दोपहर बाद 3.30 बजे 106.34 पर था। शुक्रवार को 3.30 बजे यह सूचकांक 105.88 पर था।
 
मार्च 2020 के बाद से फेडरल रिजर्व ने पहले ही ब्याज दरों में अब तक 225 आधार अंक की बढ़ोतरी कर दी है। हाल के अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़े से अनुमान लगाया जा रहा था कि फेड अब आने वाले महीनों में दरों में बढ़ोतरी को लेकर सुस्त रुख अपनाएगा।
 
बहरहाल नौकरियों के आंकड़े ने यह सोच बदल दी है। ट्रेडर्स को अब डर है कि सितंबर में फेडरल रिजर्व दरों में 75 आधार अंक की और बढ़ोतरी कर सकता है।
 
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिसर्च एनलिस्ट दिलीप परम ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘जुलाई में अमेरिका में नौकरियों के शानदार आंकड़े आने के बाद रुपया नए सिरे से कमजोर होने लगा है। पिछले कुछ दिनों में उच्च अस्थिरता के बाद मंगलवार की छुट्टी से पहले कारोबार सुस्त रहा है। उन्होंने कहा, ‘रुपया अभी नीचे जाने की दिशा में नजर आ रहा है, भले ही घरेलू इक्विटी में मजबूती आई है और कच्चे तेल के दाम कम हुए हैं। यह गिरावट डॉलर की ज्यादा मांग की वजह से होने की संभावना है। हाजिर यूएसडीआईएनआर आने वाले दिनों में उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद है और यह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच सकता है।’
 
19 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर अब तक के निचले स्तर 80.06 पर पहुंच गया था। बहरहाल अमेरिका के आर्थिक आंकड़े कमजोर रहने के बाद रुपये में थोड़ी मजबूती आई, क्योंकि यह उम्मीद की जाने लगी कि फेड अब दरों में बढ़ोतरी को विराम देगा।
 
अगर अमेरिका में ब्याज दर ज्यादा होती है तो सामान्यतया भारत  जैसे उभरते बाजारों में लगा विदेशी पैसा निकलने लगता है। 

First Published - August 9, 2022 | 2:43 PM IST

संबंधित पोस्ट