गन्ने का रकबा और बेहतर रिकवरी के कारण देश में इस बार चीनी का उत्पादन बढ़ा है। चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। महाराष्ट्र में इस साल अब तक चीनी का 132.6 लाख टन रिकॉर्ड उत्पादन हो चुका है, जबकि अब भी राज्य में पेराई चालू है। अतिरिक्त गन्ने की पेराई के लिए राज्य सरकार ने चीनी मिलों को सब्सिडी देने का भी ऐलान किया है ताकि बारिश शुरु होने के पहले खेतों से गन्ना उठाया जा सके।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा जारी किये गए चीनी उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में चीनी मिलों ने 1 अक्टूबर, 2021 से 30 अप्रैल, 2022 के बीच 342.37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह उत्पादन पिछले साल के 300.29 लाख टन उत्पादन से लगभग 42.08 लाख टन अधिक है। हालांकि, 30 अप्रैल 2021 को गन्ने की पेराई करने वाली 106 चीनी मिलों की तुलना में इस साल 30 अप्रैल, 2022 को 217 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही थीं।
देश में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र में हुआ है। इस्मा के मुताबिक महाराष्ट्र में 30 अप्रैल, 2022 तक चीनी का उत्पादन 132.06 लाख टन था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 105.63 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस साल उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग 26.4 लाख टन अधिक है।
वर्तमान 2021-22 सीजन में, 76 मिलों ने अपने पेराई कार्यों को बंद कर दिया है और 123 चीनी मिलें अभी भी शुरू हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि पर केवल 23 मिलें चल रही थीं। मिलों को वर्तमान में रिकॉर्ड फसल उत्पादन के चलते गन्ने की कटाई और परिवहन में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तदनुसार, राज्य सरकार ने मिलों को गन्ना खत्म होने तक पेराई जारी रखने के लिए सहायता की घोषणा की है।
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी तक गन्ना खेतों में पड़ा हुआ है। अतिरिक्त गन्ने की पेराई के लिए चीनी मिलों की मदद की मांग मानते हुए राज्य सरकार ने सब्सिडी देने फैसला किया है । मंत्रीमंडल द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णय के मुताबिक एक चीनी मिल के निर्धारित गन्ने के लिए चीनी आयुक्तालय द्वारा निर्धारित 50 किमी की दूरी को छोड़कर 5 रुपये प्रति किमी परिवहन सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा चीनी की रिकवरी 10 फीसदी से कम होने पर सरकार सहकारी और निजी चीनी मिलों को 200 रुपये प्रति टन सब्सिडी देगी। यह एक मई के बाद गन्ने की पेराई के लिए दिया जाएगा।
राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ के मुताबिक महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का सत्र आमतौर पर 120 से 140 दिन और अधिकतम 145 दिनों तक चलता है। इस वर्ष राज्य में लगभग 20 चीनी मिलें अधिक गन्ना उत्पादन के कारण 160 दिनों तक चलेंगी। उम्मीद है कि इस साल 31 मई तक गन्ने की पेराई की जाएगी। महाराष्ट्र में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन इससे पहले 2019-20 में 107 लाख टन का रहा था। इस साल अभी तक 132,06 लाख टन तक पहुंच गया है, जो राज्य के लिए एक नया रिकॉर्ड है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस बार राज्य में चीनी उत्पादन 133 लाख टन के पार पहुंच जाएगा।
देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन चालू विपणन वर्ष में अब तक घटकर 98.9 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.05 करोड़ टन था। देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में इस साल अप्रैल तक उत्पादन बढ़कर 59 लाख टन रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 42.4 लाख टन रहा था।