facebookmetapixel
Jio Financial चेयरमैन कामथ ने जताई खुदरा ऋण बढ़ने की चिंताअमेरिका के राजदूत गोर बोले- भारत में श्रम सुधार से बढ़ेगा व्यापार अवसरम्युचुअल फंड में महिलाओं और छोटे शहरों से निवेश पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को मिलेगा बोनसइन्फोसिस के बाद अब टीसीएस और विप्रो भी ला सकती हैं शेयर बायबैक ऑफरUS टैरिफ से मुश्किल में इंडियन ऑटो पार्ट्स, मारुति सुजूकी MD ने बताई राह3, 5, 8 या 10 साल: SIP से कितने साल में मिलता है सबसे ज्यादा रिटर्न, 15 साल के चार्ट से समझेंफेविकोल बनाने वाली कंपनी का शेयर पकड़ेगा रफ्तार! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लें, दिखा सकता है 23% का तगड़ा उछालइंजीनियरिंग बदलावों से अटक रहा नए वाहनों का लॉन्च, भारत चीन से पिछड़ रहाUrban Company IPO को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 103 गुना से ज्यादा हुआ सब्सक्राइबअगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज

लॉकडाउन में ज्यादा नहीं बढ़े दाम, मगर दालें तेज

Last Updated- December 15, 2022 | 4:55 AM IST

कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशभर में लागू पाबंदी या लॉकडाउन के बावजूद स्थानीय खुदरा बाजार में फरवरी से जून, 2020 के दौरान रसोई की वस्तुओं के दाम में कोई खास घटबढ़ नहीं दिखी। पर एक साल पहले की तुलना में दालों के भाव में तेजी आई है। लॉकडाउन के चलते डाटा एकत्रित करने की मुश्किलों के कारण सरकार इस दौरान खुदरा मूल्य सूचकांक के पूरे आंकड़े जारी नहीं कर सकी है।दिल्ली में परचून की सामान्य दुकान से राशन की खरीदारी के मुताबिक मई, जून में उड़द छिल्का, मसूर और अरहर जैसी दालों के दाम एक साल पहले के मुकाबले 30 प्रतिशत तक बढ़ गए। आटा और चावल के दाम में एक साल पहले से छह प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, इस साल फरवरी से जून के बीच एक आध दाल को छोड़कर खाने-पीने की अन्य जिंसों के खुदरा भाव में ज्यादा घटबढ़ नहीं दिखी। वहीं, मई- जून 2019 के मुकाबले मई- जून 2020 में खुली उड़द छिल्का का दाम सबसे ज्यादा 31.25 प्रतिशत बढ़कर 100-105 रुपये किलो, दाल मल्का- मसूर 25 प्रतिशत बढ़कर 75 रुपये किलो हो गई।
इस अवधि में चना दाल तीन प्रतिशत से अधिक घटकर 62 रुपये किलो के आसपास रह गई। आटा, चावल में दो से लेकर 6 प्रतिशत तक वृद्धि हुई। हल्दी मिर्च, धनिया के दाम में क्वालिटी के मुताबिक सीमित घटबढ़ ही रही। चायपत्ती पांच प्रतिशत महंगी हुई है। चीनी खुली का दाम पिछले कुछ साल से 35-36 रुपये किलो के दायरे में ही चल रहा है।
सरकार की तरफ से केवल खाद्य समूह की वस्तुओं के मूल्यों के आधार पर जारी मई महीने के अखिल भारतीय उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई ग्रामीण क्षेत्र में 9.69 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 8.36 प्रतिशत रही। कुल मिलाकर खाद्य समूह की खुदरा महंगाई दर 9.28 प्रतिशत रही। इसी प्रकार थोक मूल्य सूचकांक में अप्रैल के समग्र आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं जबकि मई में थोक मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर 3.21 प्रतिशत घटा है। इस वर्ष स्थानीय खुदरा बाजार में फरवरी से जून की पांच माह की अवधि में पैकिंग वाला 10 किलो आटा 330 से 340 रुपये हो गया। वहीं उड़द छिल्का 100-105 रुपये, अरहर दाल 95 रुपये, मूंग साबूत 100 रुपये किलो पर टिकी रही लेकिन मल्का मसूर 5-10 रुपये बढ़कर 75 रुपये किलो हो गई। 

First Published - July 12, 2020 | 11:45 PM IST

संबंधित पोस्ट