भारत का पाम तेल का आयात जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। पांच डीलरों ने बताया कि रिफाइनर्स ने पाम तेल के प्रतिद्वंद्वी सोया तेल की अधिक बिक्री शुरू कर दी है। इसकी वजह कच्चे पाम तेल को रिफाइन करने का मार्जिन ऋणात्मक होना है।
विश्व के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातक के कम खरीदारी करने से शीर्ष उत्पादकों इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल का भंडार बढ़ सकता है और इससे बेंचमार्क वायदा पर भी असर पड़ सकता है। डीलरों के मुताबिक भारत का पाम तेल का
आय़ात जनवरी में बीते महीने की तुलना 12 प्रतिशत गिरकर 7,87,000 टन आ गया। बीते महीने की तुलना में कच्चे पाम तेल का आयात 16 प्रतिशत गिरकर 5,41,000 टन आ गया। प्राथमिक तौर पर कच्चे पाम तेल की खरीदारी में गिरावट के कारण पाम तेल के आयात पर खासा असर पड़ा। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)