केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने आने वाले महीनों में कोयले की कमी को लेकर जताई जा रही चिंता को खारिज करते हुए कहा है कि घरेलू कोयले का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। मंत्रालय ने कहा कि यह बिजली उत्पादकों का काम है कि वे मॉनसून शुरू होने के पहले पर्याप्त मात्रा में कोयले का भंडारण करें। कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास 2 करोड़ टन स्टॉक है, जो 9 दिन तक संयंत्र चलाने के लिए पर्याप्त है।
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने राज्यों और बिजली उत्पादन कंपनियों को दिशानिर्देश जारी किया है कि वे आयातित कोयले को मिलाकर इस्तेमाल करें, जिससे कि घरेलू कोयला आपूर्ति शृंखला पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके। इसके पहले मंत्रालय ने जेनको से कोयला आयात करने को कहा था, जबकि अब सीआईएल से कोयला आयात करने को कहा है। बिजली मंत्रालय ने अपने बयानों में यह संज्ञान में लिया कि घरेलू कोयले की कमी है, वहीं कोयला मंत्रालय कह रहा है कि देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है। जेनको के लिए बिजली मंत्रालय की ओर से कोयला आयात को लेकर जारी दिशानिर्देशों पर प्रतिक्रिया देते हुए कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि सीआईएल के पास 5 करोड़ टन कोयले का स्टॉक है और ट्रांजिट पर करीब 70 लाख टन कोयले का स्टॉक है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘मई के अंत में क्लोजिंग स्टॉक महीने की शुरुआत के ओपनिंग स्टॉक की तुलना में ज्यादा है। सीआईएल हर रोज 22 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही है। जेनको को अब पहले स्टॉक जमा कर लेने की जरूरत है, क्योंकि बारिश की वजह से आने वाले दिनों में कोयले की ढुलाई प्रभावित होगी। घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयला मौजूद है।’
आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक सीआईएल ने अपने उत्पादन की उपलब्धियों में कहा है कि अब तक उत्पादन का 90 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। मई 2022 तक स्वघोषित 5.7 करोड़ टन उत्पादन लक्ष्य के मुकाबले कंपनी ने 5.2 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया है। सीआईएल का चालू वित्त वर्ष में सालना उत्पादन का लक्ष्य 70 करोड़ टन है और उसका मौजूदा उत्पादन 11.3 करोड़ टन है।