अमेरिकी शुल्क के असर से भारतीय झींगा (श्रिम्प) क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन उथल-पुथल रही क्योंकि व्यापारियों को डर सता रहा है कि अमेरिकी ग्राहक लंबी अवधि वाले अनुबंधों से पीछे हट सकते हैं, जिससे करीब एक अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है, जबकि प्रत्येक 50 काउंट झींगा के दाम (उत्पादन स्थल पर) लगभग 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं। झींगा को काउंट के आधार पर बेचा जाता है और 50 काउंट का मतलब है एक किलो में 20 ग्राम के 50 पीस।
कारोबारियों ने कहा कि कुछ दिन पहले तक 50 काउंट के झींगा लगभग 350 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहे थे। ‘50 काउंट’ वन्नामेई झींगा के लिए सबसे आम माप में से एक है, जो भारत से अमेरिका को निर्यात की जाने वाले झींगा की सबसे आम किस्म है।
व्यापारिक सूत्रों ने कहा कि उत्पादन स्थल पर कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण यह बात है कि झींगा प्रसंस्करण करने वालों ने अपनी खरीद योजनाओं को रोक दिया है, जिसका उत्पादकों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि 70 प्रतिशत भारतीय झींगा गर्मियों के महीनों के दौरान उत्पादित किए जाते हैं, जो पहले ही शुरू हो चुकी है।
भारत के पशुधन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन – कंपाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएलएफएमए) के अध्यक्ष दिव्य कुमार गुलाटी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘किसान पहले से ही दहशत में हैं। अगर आप 26 प्रतिशत शुल्क मानते हैं और अगर यह पूरा 26 प्रतिशत भाग किसानों पर डाल दिया जाता है, तो निश्चित रूप से यह बहुत बड़ा नुकसान होगा क्योंकि भारतीय वन्नामेई झींगा के 50 काउंट की औसत कीमत करीब 350 रुपये प्रति किलोग्राम है और अगर कीमतों में 20 प्रतिशत की गिरावट आती है, तो किसानों को करीब 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम का नुकसान उठाना पड़ेगा।’
उन्होंने कहा कि भले ही प्रसंस्करणकर्ता 10 प्रतिशत बढ़ोतरी वहन कर लें और बाकी किसानों पर डाल दें, तो भी कीमतें प्रति किलोग्राम लगभग 30 से 40 रुपये तक कम हो जाएंगी। गुलाटी ने कहा कि प्रसंस्करणकर्ता द्वारा पहले ही किसानों से झींगा की सभी खरीद रोक दिए जाने की वजह से किसानों का भारी निवेश दांव पर लगा हुआ है, क्योंकि किसान औसतन प्रति हेक्टेयर झींगा तालाब पर करीब 1 लाख रुपये का निवेश करते हैं। जहां से निर्यात किया जाता है, ऐसे ज्यादातर झींगा तालाब दक्षिणी भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में हैं।
Trump Terriff: तो क्या भारत नही रहेगा US का सबसे बड़ा झींगा आपूर्तिकर्ता?