facebookmetapixel
नवंबर में भारत से आईफोन का निर्यात 2 अरब डॉलर तक पहुंचा, बना नया रिकार्डएवेरा कैब्स ने 4,000 ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक कारें अपने बेड़े में शामिल करने की बनाई योजनाGST बढ़ने के बावजूद भारत में 350 CC से अधिक की प्रीमियम मोटरसाइकल की बढ़ी बिक्रीJPMorgan 30,000 कर्मचारियों के लिए भारत में बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटरIPL Auction 2026: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदानिजी खदानों से कोयला बिक्री पर 50% सीमा हटाने का प्रस्ताव, पुराने स्टॉक को मिलेगा खुला बाजारदूरदराज के हर क्षेत्र को सैटकॉम से जोड़ने का लक्ष्य, वंचित इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा: सिंधियारिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले 91 के पार फिसली भारतीय मुद्रा, निवेशक सतर्कअमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसा

खरीफ की बुआई के रकबे में सुधार

Last Updated- December 12, 2022 | 2:02 AM IST

खरीफ की फसलों की बुआई का रकबा 6 अगस्त तक के आंकड़ों में थोड़ा और सुधरा है। मध्य, पश्चिम, उत्तरी इलाकों में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की बेहतर बारिश जारी रहने की वजह से बुआई बढ़ी है।
पिछले सप्ताह और इस सप्ताह के बीच खरीफ के रकबे में गिरावट कम होकर 4.71 प्रतिशत (30 जुलाई को) से 2.26 प्रतिशत (6 अगस्त को) पर पहुंच गई है।
बहरहाल अगर सामान्य रकबे से तुलना करें तो खरीफ की फसलों की बुआई का रकबा 6 अगस्त को समाप्त सप्ताह में करीब 15 प्रतिशत कम हुआ है। सामान्य रकबा पिछले 5 साल के दौरान खरीफ फसलों की बुआई का औसत होता है।
लगातार हो रही बारिश से अब उत्पादकों के सामने नए तरह की समस्या खड़ी हो रही है, क्योंकि तमाम जगहों पर फसलें खड़ी हैं।
कारोबार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में दलहन की फसल खराब हुई है।
क्रिसिल रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुल मिलाकर जहां मॉनसून की वापसी हुई है, बारिश का असमान वितरण किसानों की चिंता का मुख्य विषय है।
खासकर गुजरात (जहां देश के कुल रकबे का 40 प्रतिशत मूंगफली और 20 प्रतिशत कपास का रकबा है) में किसानों चिंता बढ़ी है, जहां मॉनसूनी बारिश 40 प्रतिशत कम थी और
ओडिशा (जिसका कुल धान उत्पादन में हिस्सा 8 प्रतिशत है) में 5 अगस्त तक 25 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह संभव है कि गुजरात में किसान मूंगफली और कपास से अरंडी की खेती का रुख कर लें, जो कम बारिश में भी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ हाल में महाराष्ट्र में बहुत भारी बारिश हुई है, जिसकी वजह से प्राथमिक अनुमान के मुताबिक 1 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है। खासकर  मध्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिले में गन्ने, धान और सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है।’
क्रिसिल ने कहा कि कुल मिलाकर मॉनसून बहाली के चरण में, जो 13 जुलाई से शुरू हुआ,  5 अगस्त तक  2 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।  

First Published - August 7, 2021 | 12:13 AM IST

संबंधित पोस्ट