facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

वित्त वर्ष 21 में कम रहेगी कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि

Last Updated- December 12, 2022 | 7:21 AM IST

कोविड से प्रभावित वित्त वर्ष 21 के दौरान कृषि एवं संबंधित गतिविधियों मेंं सकल मूल्यवर्धन में वृद्धि 3 प्रतिशत रहने की संभावना है। कुछ सप्ताह पहले जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों में यह सामने आया है, जो 2016-17 के बाद कृषि क्षेत्र की दूसरी सबसे कम वृद्धि दर होगी।  हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कम और दीर्घावधि औसत के हिसाब से वृद्धि करीब 3 से 3.5 प्रतिशत है और अन्य क्षेत्रों के जीवीए की तुलना में बहुत बेहतर है। यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है, जब पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में अनाज उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद की गई है।
वित्त वर्ष 20 में कृषि एवं संबंधित गतिविधियोंं का अनुमानित जीवीए 4.3 प्रतिशत था, जबकि वित्त वर्ष 21 के पहले अग्रिम अनुमान में इसे 3.4 प्रतिशत रखा गया था। अब हाल के अनुमान में यह गिरकर 3 प्रतिशत रह गया है, जो पहले के साल और पहले के अनुमान दोनों की तुलना में कम है।
रबी और खरीफ की फसलोंं के रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान के बावजूद जीवीए कम होने की संभावना क्यों है? इसके बारे मेंं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह थोड़ा अवाभाविक लगता है, वहीं कुछ का कहना है कि कृषि से संबंधित गतिविधियोंं में वित्त वर्ष 21 की अंतिम तिमाही में गिरावट की वजह से कुल मिलाकर वृद्धि में कमी का अनुमान है।
केयर रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि संबंधित गतिविधियों खासकर दूध, मांस और अंडे का उत्पादन वित्त वर्ष 21 की अंतिम तिमाही में बेहतर नहीं रहा है, जिसकी वजह से कुल मिलाकर इस क्षेत्र में गिरावट नजर आ रही है, अन्यथा आप इसे कैसे तार्किक बता सकते हैं, जब फसल का उत्पादन बेहतर रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।’
दूध की आपूर्ति अमूमन अक्टूबर से मार्च तक होती है, जिसके बाद सुस्त महीने शुरू होते हैं। दूध का उत्पादन गर्मियों में कम हो जाता है। उद्योग के अनुमान के मुताबिक भारत में किसानों से रोजाना 5 से 5.2 लाख टन दूध मिलता है, जो सहकारी व निजी डेरी के साथ व्यक्तिगत दूधियों से लिया जाता है, जबकि प्रमुख महीनों में यह रोजाना बढ़कर 5.5 से 6 लाख लीटर हो जाता है। लेकिन इस साल ज्यादा आपूर्ति वाले महीनों में भी कोरोना के प्रतिबंधो से ढील के बावजूद सामान्य आपूर्ति नहीं हो पाई।
बहरहाल सभी ऐसा नहीं मानते। आईजीसी इंडिया प्रोग्राम के प्रोग्राम डायरेकक्टर प्रणव सेन ने कहा कि वित्त वर्ष 21 में कृषि और संबंधित गतिविधियोंं में जीवीए वृद्धि पिछले साल से कम रहने का अनुमान है, लेकिन कम और दीर्घावधि के हिसाब से औसत वृद्धि बेहतर है। सेन ने कहा कि पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान के बीच फसल उत्पादन के आंकड़े और बेहतर मिल जाते हैं, यही वजह है कि आप इसमें विचलन देख रहे हैं।

First Published - March 7, 2021 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट