Govt Procurement of Coarse Grains/ Millets: देश में अन्न श्री/मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इन अनाजों की वाजिब कीमत दिलाने के लिए सरकार इनकी खरीद पर भी जोर दे रही है। बीते दो-तीन साल के दौरान मोटे अनाजों की सरकारी खरीद में तेज इजाफा हुआ है। इस साल इन अनाजों में सबसे अधिक रागी की खरीद हुई है। किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बीते वर्षों में इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी इजाफा किया है।
सरकार मोटे अनाजों में बाजरा, रागी, ज्वार और मक्का को मुख्य तौर पर खरीद रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024-25 में अब तक करीब 19 लाख टन मोटे अनाजों की सरकारी खरीद हो चुकी है। इस साल इनमें सबसे अधिक रागी की खरीद हुई है। राज्य सरकारों ने इस साल 8.30 लाख टन रागी खरीदी है। यह पिछले साल खरीदी गई 2.30 लाख टन रागी से साढ़े गुना से भी ज्यादा है। रागी के बाद बाजरा की सबसे अधिक खरीद हुई है। इस साल 7.13 लाख टन बाजरा की सरकारी खरीद हुई है, यह पिछले साल की सरकारी खरीद 6.96 लाख टन से अधिक है। इस साल मोटे अनाजों में ज्वार की सरकारी खरीद 1.96 लाख टन, मक्का की 1.60 लाख टन रही।
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बीते दो-तीन साल से मोटे अनाजों की सरकारी खरीद तेजी से बढ़ रही है। राज्य सरकारों ने वर्ष 2022-23 के दौरान 7.37 लाख टन मोटे अनाज खरीदे थे। इसके अगले साल 2023-24 में सरकारों ने इससे कहीं अधिक 12.55 लाख टन मोटे अनाजों की खरीद की। सरकारी खरीद में इतनी बड़ी वृद्धि की मुख्य वजह बाजरा की सरकारी खरीद में 3 गुना इजाफा होना है। वर्ष 2024-25 में तो इससे पहले वाले वर्ष से भी काफी अधिक खरीद हुई। 2024-25 में वर्ष 2023-24 की 12.55 लाख टन खरीद की तुलना में करीब 19 लाख टन मोटे अनाजों की खरीद हुई। खरीद में 50 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी की मुख्य वजह रागी की सरकारी खरीद बढ़कर लगभग दोगुनी होना है।