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Gold Price Outlook: सोना और भरेगा फर्राटा! इन्वेस्टमेंट डिमांड अभी भी 2012 के रिकॉर्ड हाई से 33 फीसदी नीचे

इन्वेस्टमेंट डिमांड गोल्ड के लिए इस साल सबसे ज्यादा सपोर्टिव रह सकता है ।

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अजीत कुमार   
Last Updated- March 27, 2025 | 6:10 PM IST

Gold Rally to Continue : सोने के लिए 2025 अब तक बेहद शानदार रहा है। ग्लोबल इकॉनमी को लेकर बनी अनिश्चितता और जियो पॉलिटिकल टेंशन ने बतौर सुरक्षित विकल्प इस बेशकीमती धातु को लगातार परवान चढ़ाया है। गोल्ड में तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्लोबल मार्केट में इसने इस साल अब तक 16 कारोबारी दिन रिकॉर्ड हाई बनाया है। मतलब इस साल हर चौथे दिन यह नई ऊंचाई पर पहुंचा है।

ब्याज दरों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद सोने ने पिछले गुरुवार (20 मार्च) को लगातार तीसरे दिन नया ऑल टाइम हाई बनाया। उस दिन शुरुआती कारोबार के दौरान एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट रिकॉर्ड 89,796 रुपये तक ऊपर गया। IBJA के मुताबिक घरेलू स्पॉट मार्केट में गुरुवार को सोना 24 कैरेट (999) 88,761 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर देखा गया। ग्लोबल लेवल पर भी बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड कारोबार के दौरान 3,057.21 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। बेंचमार्क यूएस गोल्ड फ्यूचर्स तो इससे भी आगे जाकर 3,065.20 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर दर्ज किया गया।

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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले बुधवार को एक फिर ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करने का फैसला किया लेकिन 2025 में दो बार ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के संकेत भी दिए। हालांकि 20 मार्च के बाद घरेलू और ग्लोबल दोनों लेवल पर सोने की कीमतों में थोड़ी मुनाफावसूली देखने को मिली है। बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड फिलहाल 3,035 डॉलर प्रति औंस के भाव पर है जबकि घरेलू बाजार में बेंचमार्क कीमतें 88 हजार के आस -पास  है।

कहां से मिलेगा गोल्ड को सबसे ज्यादा सपोर्ट ?

गोल्ड मे इतनी तेजी के बाद कुछ जानकार यह मानने लगे हैं कि इसकी कीमतें काफी बढ़ चुकी है और इसमें करेक्शन की दरकार है। लेकिन हकीकत में देखा जाए तो वे सारे फैक्टर्स गोल्ड के लिए अभी भी पहले की तरह सपोर्टिव बने हुए हैं। खासकर सेंट्रल बैंकों की खरीदारी हो या इन्वेस्टमेंट यानी ईटीएफ डिमांड…। सेंट्रल बैंकों की खरीदारी का जहां तक सवाल है, 2022 से इसने सोने को लगातार सबसे ज्यादा सपोर्ट किया है। बदलते जियो पॉलिटिकल परिदृश्य के मद्देनजर इसके आगे भी मजबूत रहने की संभावना है। लेकिन इन्वेस्टमेंट डिमांड की तरफ से सोने को सपोर्ट पिछले मई से ही मिलना शुरू हुआ है। मौजूदा तेजी से पहले जब भी गोल्ड में तेजी का दौर चला है, सबसे बड़ी भूमिका इन्वेस्टमेंट यानी ईटीएफ डिमांड ने ही निभाई है।  फिर चाहे वह 2020 या 2012 की तेजी की बात कर लें। विशेषज्ञों की नजर फिर से एक बार इसी डिमांड पर टिक गई है और उनका मानना है कि गोल्ड की आगे की तेजी में शायद यह फिर से सबसे बड़ी भूमिका निभाए।

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सीनियर गोल्ड स्ट्रैटेजिस्ट जॉर्ज मिलिंग स्टेनली (George Milling Stanley) भी मानते हैं कि इन्वेस्टमेंट डिमांड गोल्ड के लिए इस साल सबसे ज्यादा सपोर्टिव रह सकता है क्योंकि इसमें उतनी तेजी नहीं आई है जितनी इस बेशकीमती धातु की कीमतें चढ़ी हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े ?

गोल्ड में अक्टूबर 2023 से शानदार रैली आई है जबकि इन्वेस्टमेंट यानी ईटीएफ डिमांड 2020 के बाद यानी 2021 से लेकर 2023 तक लगातार बिल्कुल सुस्त पड़ी रही। मार्च-मई 2023 की अवधि को निकाल दें तो लगातार दो साल यानी अप्रैल 2022 से अप्रैल 2024 तक गोल्ड ईटीएफ तो औंधे मुंह गिरा रहा। आंकड़े भी बताते हैं कि 2021 से 2023 तक लगातार गोल्ड ईटीएफ में नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया।2024 में नेट इनफ्लो दर्ज तो किया गया लेकिन यह बेहद कम था जबकि होल्डिंग में तो गिरावट दर्ज की गई । वहीं 2020 में जब गोल्ड में रैली आई थी तो गोल्ड ईटीएफ में 49.4 बिलियन डॉलर का नेट इनफ्लो आया था जबकि होल्डिंग 892 टन बढ़ा था।

वर्ष गोल्ड ईटीएफ इनफ्लो/आउटफ्लो
2024 +3.4 बिलियन डॉलर (-6.8 टन)
2023 -14.7 बिलियन डॉलर (-244.2 टन)
2022 -2.9 बिलियन डॉलर (-109.5)
2021 -8.9 बिलियन डॉलर (-188.8 टन)
2020 +49.4 बिलियन डॉलर (+892.1न)
2019 +19.6 बिलियन डॉलर (+403.6 टन)
2018 +3.9 बिलियन डॉलर (+70.2 टन)

(Source: World Gold Council)

हालांकि नवंबर 2024 को छोड़ दें तो मई 2024 से गोल्ड ईटीएफ में लगातार डिमांड बना हुआ है। 21 मार्च 2025 तक ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर रिकॉर्ड 332 बिलियन डॉलर के पार चला गया। ऐसा इनफ्लो और कीमतों में तेजी के चलते हुआ। लेकिन होल्डिंग के मामले में गोल्ड ईटीएफ अभी भी पीछे है। टोटल होल्डिंग इस दौरान यानी 21 मार्च तक 3,425.9 टन पर दर्ज किया गया जो 23 जून 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। टोटल होल्डिंग 23 जून  2023 को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 3,435.1 टन था।  इससे पहले अक्टूबर 2020 में टोटल होल्डिंग  बढ़कर रिकॉर्ड 3,915.1 टन पर पहुंच गया था।

वर्ष गोल्ड ईटीएफ टोटल होल्डिंग (टन)
2024 3,218.8
2023 3,225.6
2022 3,469.8
2021 3,579.4
2020 3,768.1
2019 2,875.6
2018 2,472

(Source: World Gold Council)

दुनिया के सबसे बडे गोल्ड ईटीएफ SPDR Gold Shares (NYSE: GLD) के आंकड़ों से भी इस बात की तस्दीक होती है कि इन्वेस्टमेंट डिमांड को लेकर अभी भी काफी गुंजाइश है। इस ईटीएफ का होल्डिंग इस साल अब तक 37 टन बढ़कर 910 टन पर पहुंच गया है जबकि 2020 की रैली के दौरान यह 1,278 टन पर पहुंच गया था। इस तरह से देखें तो पिछले 5 साल में यानी 2020 के मुकाबले होल्डिंग अभी भी 28 फीसदी कम है जबकि इस दौरान सोने की कीमतों में तकरीबन 1,300 डॉलर प्रति औंस की तेजी आई है। इतना ही नहीं कमजोर ईटीएफ डिमांड के बावजूद पिछले एक साल में गोल्ड 62 फीसदी चढ़ा है। 2012 के रिकॉर्ड हाई से तो यह अभी भी 33 फीसदी नीचे है। SPDR Gold Shares का होल्डिंग दिसंबर 2012 में बढ़कर 1,353 टन पर पहुंच गया था। 

First Published : March 27, 2025 | 2:02 PM IST