चावल की कुछ निश्चित किस्मों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को अस्थायी बताते हुए वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आज उम्मीद व्यक्त की कि उन प्रतिबंधों को जल्दी ही हटा दिया जाएगा।
चावल निर्यात कंपनी टिल्डा राइसलैंड के नए केन्द्र का उद्धाटन करने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि कुछ निश्चित किस्मों के चावल पर अस्थायी रोक लगाने के लिए हम बाध्य हो गए। उम्मीद है कि इन प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाया जा सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको कोई तारीख या आपको किसी चीज का कोई वादा नहीं कर रहा हूं लेकिन स्थितियां सामान्य होंगी और हम इन अस्थायी प्रतिबंधों को हटाने में सक्षम होंगे।’
उन्होंने कहा कि पहली बार वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन तरह के संकट, ईंधन, खाद्य और वित्तीय, ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बोझ डाला तथा जिससे सरकार को गैर-बासमती चावल की कुछ निश्चित किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य होना पड़ा।
सरकार ने मुद्रास्फीति संबंधित दवाब का मुकाबला करने के लिए इस वर्ष अप्रैल में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। थाईलैंड और वियतनाम के बाद भारत चावल का विशालतम निर्यातक देश है।
चिदंबरम ने कहा, ‘हमें पता है कि ये बाधाएं किसानों, व्यापारियों, मिलों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाती हैं। लेकिन ये प्रतिबंध निश्चित तौर पर अस्थाई हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ सप्ताह पहले ही पूसा 1121 किस्म के निर्यात की अनुमति दी थी।
वित्तमंत्री ने कहा कि स्थितियों के सामान्य होने के साथ सरकार अस्थायीर् बाधाओं को हटा सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में उत्पादकता बढ़ाना और चावल की उपलब्धता बढ़ाना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।