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जांची गई गेहूं खेपों के निर्यात को अनुमति : वाणिज्य विभाग

Last Updated- December 11, 2022 | 6:56 PM IST

वाणिज्य विभाग ने आज कहा कि 13 मई या इससे पहले सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जांची गई और उनके सिस्टम पर पंजीकृत गेहूं की खेपों को भारत से निर्यात किए जाने की अनुमति दी जाएगी।
इस घोषणा से कुछ दिन पहले ही गेहूं के स्टॉक में कमी रोकने के लिए वाणिज्य विभाग के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा सभी प्रकार के गेहूं निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए जाने के चंद दिनों बाद यह घोषणा की गई है। देश की संपूर्ण खाद्य सुरक्षा का प्रबंध करने और पड़ोसी देशों की जरूरतों में मदद करने के लिए यह फैसला किया गया था। यह आदेश 13 मई को जारी किया गया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार ने मिस्र जाने वाली गेहूं की खेप को भी अनुमति प्रदान की है, जिसकी पहले से ही कांडला बंदरगाह पर लदाई हो रही थी। कांडला बंदरगाह पर लदाई की जा रही गेहूं की खेपों को अनुमति दिए जाने के मिस्र सरकार के अनुरोध के बाद ऐसा किया गया है।
बयान में कहा गया है ‘मिस्र को गेहूं का निर्यात करने में लगी कंपनी मैसर्स मेरा इंटरनैशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी 61,500 टन गेहूं की लदाई पूरी करने के लिए बात रखी थी, जिसमें से 44,340 टन गेहूं की पहले ही लदाई की जा चुकी थी और केवले 17,160 टन की ही लदाई बची थी। सरकार ने 61,500 टन की पूरी खेप को अनुमति देने का फैसला किया है और इसे कांडला से मिस्र भेजे जाने की अनुमति दी है।’
निर्यात प्रतिबंध की अधिसूचना जारी करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को कहा था कि यह फैसला पड़ोसी और कमजोर देशों की जरूरतों में मदद करने के लिए किया भी गया है, जो गेहूं के लिहाज से वैश्विक बाजार में अचानक हुए बदलावों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं।

First Published - May 18, 2022 | 12:47 AM IST

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