केंद्र सरकार के एक अध्यादेश के बाद तिलहन पेराई इकाइयां और ब्रांडेड खाद्य तेल कंपनियां किसानों को अपने पैनल में शामिल करने की योजना बना रही हैं ताकि सीधे उन्हीं से तिलहन की खरीद की जा सके। हालांकि यह सुविधा उस दौरान काफी उपयोगी साबित होगी जब सितंबर के बाद खरीफ फसल की आवक शुरू हो जाएगी। रबी फसल की काफी हद तक कटाई हो चुकी है और किसान आमतौर पर अपनी उपज की बिक्री कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में करते हैं। बड़ी खाद्य तेल कंपनियां एपीएमसी के अलावा सीधे किसानों से तिलहन की खरीद करने की योजना बना रही हैं।
बड़ी और मझोली कंपनियों से बातचीत में पता चला है कि उन्हें कुछ लागत बचत होगी जबकि कुछ बचत किसानों को भी देने की योजना है। उन्होंने बताया कि एपीएमसी में जिस कीमत पर तिलहन की खरीद-फरोख्त की जाती है उसे किसानों से सीधे खरीद के लिए संदर्भ मूल्य अथवा बेंचमार्क मूल्य माना जाएगा। लॉकडाउन शुरू होने के बाद सबसे पहले खाद्य तेल पेराई उद्योग ने सीधे किसानों से तिलहन खरीदने की सुविधा की मांग की थी। जबकि मार्च के अंत तक श्रम एवं परिवहन संबंधी सभी मुद्दे सामने आ गए थे।
औद्योगिक इकाइयां अभी भी नए आदेश का अध्ययन कर रही हैं और इस मूल्य शृंखला में अपने भागीदारों के साथ खरीद संबंधी गतिविधियों के बारे में चर्चा कर रही हैं। वे इसे बेहतर तरीके से स्पष्ट करने के लिए नए कानून के तहत बनाए जा रहे नियमों का इंतजार कर रही हैं।
अदाणी विल्मर के उप मुख्य कार्याधिकारी अंगशु मलिक के अनुसार, चूंकि मौजूदा फसल की आवक अब खत्म हो गई है, इसलिए कंपनी इस संबंध में अक्टूबर तक निर्णय लेगी जब नई पसल की आवक शुरू होगी। हालांकि फॉच्र्यून ब्रांड के तहत अपने खाद्य तेल पोर्टफोलियो के लिए अदाणी विल्मर निकट भविष्य में सीधे किसानों से सोयाबीन और सरसों की खरीद कर सकती है।
मलिक ने कहा, ‘यह किसानों के लिए और हमारे लिए यानी दोनों के लिए फायदेमंद होगा। इससे एपीएमसी करों में कुछ बचत होगी जबकि सीधे किसानों से खरीद के लिए कुछ हैंडलिंग लागत आएगी। लेकिन कुल मिलाकर कुछ शुद्ध बचत होगी जिसका फायदा मूल्य निर्धारण प्रक्रिया के दौरान किसानों को दिया जा सकता है। हालांकि यह अभी भी आंशिक खरीद होगी यानी कुछ मात्रा में सीधे किसानों से खरीद की जाएगी जबकि कुछ मात्रा विशेष तौर पर थोक ऑर्डर के मामले में मंडियों से खरीद की जाएगी।’ हालांकि कंपनी के पास ऐसे संभावित किसानों की एक सूची मौजूद है जिनके जरिये तिलहन की सीधी खरीद की जा सकती है। अदाणी विल्मर अब उनसे संपर्क करना शुरू करेगी।
मलिक ने कहा कि अक्टूबर से किसानों से सीधे खरीद करने से पहले भंडारण और हैंडलिंग की व्यवस्था करने के अलावा बुनियादी ढांचे में भी सुधर करना होगा।
यदि इसमें कोई कारोबार दिखा तो तमाम लोग बुनियादी ढांचे में निवेश करना शुरू कर देंगे। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, ‘किसानों को मंडियों के बाहर अपनी उपज बेचने की अनुमति देना एक बहुप्रतीक्षित सुधार है और अब यह दोतरफा मदद करेगा। किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल पाएगा और परिवहन लागत एवं मंडी शुल्क आदि लागत की भी बचत होगी। दूसरी ओर, एपीएमसी को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा जिससे सेवाओं और सुविधाओं में भी सुधार होगा।’