Chana Price: केंद्र सरकार ने पिछले महीने चना की कीमतों में आ रही तेजी को नियंत्रित करने के लिए इस पर भंडारण सीमा लगाई थी। लेकिन इस सीमा का चना की कीमतों पर खास असर नहीं पड़ा। सीमा लगने के दो-तीन दिन दाम गिरने के बाद अब फिर से बढ़ने लगे हैं। जानकारों के मुताबिक आगे चना की कीमतों में तेजी आ सकती है।
केंद्र सरकार ने 21 जून को चना पर भंडारण सीमा लगाने का घोषणा की थी और इस दिन दिल्ली में चना की कीमत 7,150 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस सीमा लगने के बाद अगले 3 दिनों तक चने के भाव सुस्ती के साथ कारोबार करते हुए 25 जून को 6,975 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। लेकिन इसके बाद चना की कीमतों में गिरावट थमकर तेजी आने लगी। दिल्ली में आज चना की कीमत 7,050 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई। इस तरह गिरावट के बाद चना के भाव करीब 75 रुपये क्विंटल सुधर चुके हैं।
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने कहा कि भंडारण सीमा लगने से पहले भी चना के भाव घटे थे और इस सीमा के बाद थोड़े और घट गए। लेकिन चना की कम आपूर्ति होने के कारण इसके भाव में अब सुधार देखने को मिल रहा है।
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जिंसों की आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के अनुसार मई महीने में करीब 3.43 लाख टन चने की आवक हुई हुई थी, जबकि जून महीने में यह गिरकर करीब 1.47 लाख टन रह गई।
India Pulses and Grains Association (IPGA) के मुताबिक भी भंडारण सीमा के बाद चना के भाव में गिरावट के बाद अब निचले भाव पर मिलों की मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी आई है।
IPGA की रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे पूरे देश में बारिश होने के बाद बेसन की मांग बढ़ सकती है। ऐसे में मिलों की ओर से चने की खरीद भी बढ़ेगी। जिससे आने वाले दिनों में चना की कीमतों में तेजी की संभावना है। हालांकि सस्ती और नई पीली मटर के आयात की संभावना से चना की कीमतों में इजाफा सीमित ही होगा।
पॉल ने कहा कि चना का उत्पादन कम होने से आगे भी इसकी आपूर्ति कमजोर ही रहने वाली है, जबकि मौसम ठंडा होने से बेसन की खपत बढ़ने से इसकी मांग बढ़ने वाली है। ऐसे में चना की कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिल सकता है।